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धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर 14 अक्टूबर को रहेगा स्थानीय अवकाश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर के इतिहास में पहली बार इस वर्ष धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस निमित्त 14 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश रहेगा। विभागीय आयुक्त संजीव कुमार ने यह आदेश जारी किया है। विभागीय आयुक्त को 3 स्थानीय अवकाश की घोषणा के अधिकार हैं। हाल ही में उन्होंने अपने अधिकार के अवकाशों की घोषणा की है। इसमें अक्षय तृतीया पर 7 मई, महालक्ष्मी पूजन निमित्त 7 सितंबर और धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस निमित्त 14 अक्टूबर के स्थानीय अवकाश प्रमुखता से शामिल किए गए हैं।
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को दीक्षाभूमि पर लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। उस दिन की याद में हर वर्ष 14 अक्टूबर को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस मनाया जाता है। धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की अनेक संगठन बरसों से मांग कर रहे थे। विभागीय आयुक्त के इस निर्णय का कास्ट्राईब जिला परिषद कर्मचारी संगठन जिलाध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे ने स्वागत किया और पत्र भेजकर आभार व्यक्त किया।
बाबासाहब आंबेडकर को करनी पड़ी थी व्यापक तैयारी
14 अक्टूबर 1956 को दीक्षाभूमि पर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर द्वारा ली गई बुद्ध धम्म दीक्षा देश की सबसे बड़ी रक्त-विहिन क्रांति कहलाई। इस क्रांति को सलाम करने हर साल दीक्षाभूमि पर लाखों लोग जुटते हैं। इससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का संकल्प लेते हैं। इस क्रांति के लिए बाबासाहब को बड़े पैमाने पर तैयारी करनी पड़ी। अपने अनुयायी और समाज की मानसिकता बदलने के लिए बाबासाहब को कई चरणों पर संघर्ष करना पड़ा। वर्षों का संघर्ष और कई योजनाओं पर काम करना पड़ा। विशेष यह कि संविधान के निर्माता व भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने बौद्ध धम्म स्वीकारने की घोषणा की थी। किन्तु नागपुर में धम्म दीक्षा समारोह होगा, यह निश्चित नहीं था। समारोह के लिए बाबासाहब की सूची में दिल्ली, मुंबई, नागपुर और औरंगाबाद शहर शामिल थे। ऐसे में नागपुर ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की और उस पर नागपुर खरा भी उतरा। तब से प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस समारोह पर भव्य आयोजन होता है।
Created On :   19 Feb 2019 11:07 AM IST