महज शोपीस बनकर रह गए हैं नागपुर की ट्रैफिक पुलिस के लाउडस्पीकर

Nagpur traffic Police Loudspeakers Becoming Showpiece
महज शोपीस बनकर रह गए हैं नागपुर की ट्रैफिक पुलिस के लाउडस्पीकर
महज शोपीस बनकर रह गए हैं नागपुर की ट्रैफिक पुलिस के लाउडस्पीकर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी की सड़कों पर दौड़ते वाहनों की रफ्तार ही नहीं तादाद भी बढ़ती जा रही है। इन वाहनों पर नियंत्रण स्थापित कर वाहन चालकों से यातायात नियमों का पालन करवाने के मामले में भी पुलिस विभाग को नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर के प्रमुख मार्ग व चौराहों पर यातायात नियंत्रण के लिए लाउडस्पीकर लगवाए गए थे। इन लाउडस्पीकर के जरिए वाहन चालकों को दिशा-निर्देश देकर यातायात नियंत्रण का प्रयास किया जाता था। इसके लिए उन प्रमुख स्थलों पर यातायात पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया जाता तथा वे दिनभर वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने संबंधी हिदायतें देते नजर आते थे।

कर्मचारियों की कमी तथा अनेक मार्गों पर ट्रैफिक जाम की समस्या के चलते अब उन मार्गों पर न तो ट्रैफिक पुलिस नजर आती है और न ही भोंपू बजाकर यातायात नियमों का पालन करने संबंधी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। यही कारण है कि अनेक चौराहों पर लगाए गए लाउडस्पीकर अब ठूंठ की तरह बेजान नजर आने लगे हैं। मौसम की मार से इन लाउडस्पीकरों में जंग लग रहा है।

कैमरे लगे पर नहीं हटे लाउडस्पीकर
सीमेंट सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने तथा शहर भर की निगरानी के लिए शहर भर में कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमराें के जरिए एलएन्डटी द्वारा पुलिस विभाग तथा नागपुर महानगर पालिका के अधिकारियों के लिए निगरानी की भी व्यवस्था की गई है। जगह-जगह कैमरे लगाए जाने तथा स्मार्ट सिटी में ट्रैफिक नियंत्रण की स्मार्ट व्यवस्था किए जाने के बाद चौराहों पर लगे लाउडस्पीकर हटाए जाने चाहिए थे। संबंधित विभाग इस मामले में लापरवाही बरते हुए हैं। इन लाउडस्पीकर को न तो हटाया जा रहा और न ही इनकी देखभाल की जा रही है।

इन चौराहों पर स्थापित किए गए पुलिस बूथ की भी यही हालत है। इन बूथ की भी देखभाल नहीं हो रही। पुलिस कर्मचारियों के बैठने के लिए बनाए गए पुलिस बूथ रिक्त हैं तथा इनमें आवारा श्वानों ने डेरा डाल लिया है। कुछ पुलिस बूथों में विद्युत व्यवस्था की गई थी। इसी विद्युत व्यवस्था का उपयोग कर लाउडस्पीकर शुरू किए गए थे। अब यह विद्युत व्यवस्था भी खंडित हो गई है।

Created On :   18 Sep 2018 9:51 AM GMT

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