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बहुभाषी कवि सम्मेलन: स्टूडेंट्स ने पेश की एक से बढ़कर एक रचनाएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज यूनिवर्सिटी के जनसंवाद विभाग द्वारा बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें मंच का संचालन समाजसेवी और पत्रकार अब्दुल अमानी कुरैशी ने किया। इस दौरान विशेष रूप से डिपार्टमेंट के एचओडी धर्मेश धवनकर और प्रोफोसर डॉ. मोईज हक मौजूद थे। जिन्होंने छात्र-छात्राओं और अतिथियों का सम्मान किया। इस खास मौके पर कोमल सुखदेवे, गौरी ठाकरे, शवेता साठवणे, वेदांत पवार, प्रतीक्षा महंत, प्रांजल बडोले, पायल आडवाणी ने अपनी लिखी रचनाएं पेश की। जिसके बाद वरिष्ठ कवियों में प्रोफेसर दिनेश टेकाड़े, प्रोफेसर राजीव गायकवाड़, वीर रस के कवि विनोद विद्रोही ने अपनी रचनाएं पेश कर खासा समां बांधा। कार्यक्रम के संयोजक पत्रकार और प्रोफेसर तजिन्दर सिंघ ने अथितियों और नव कवियों का आभार व्यक्त किया।
पत्रकारिता को लेकर दी अहम जानकारी
बहुभाषी कवि सम्मेलन की शूटिंग वीडियों प्रोग्रामिंग ग्रुप द्वारा की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में MA 3rd, MA 1st इयर सहित बेचलर ऑफ जर्नलिजम के स्टूडेंट्स ने खासा योगदान दिया। एचओडी धर्मेश धवनकर ने कहा कि हमारे अंदर छुपी प्रतिभा ही हमें आगे बढ़ने का अवसर देती हैं। जिसे वक्त रहते निखारने की जरूरत होती है। पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर नया सीखने को मिलता है। जिनमें नवीन घटनाएं और रोचक जानकारियां ही सुर्खियां बनती है, बस इसे समझने की जरूरत होती है। धवनकर ने बताया कि पत्रकारिता में आगे बढ़ने और करियर बनाने के लिए अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि इस डिपार्टमेट से जुड़े स्टूडेंट्स देशभर से मीडिया संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कवि सम्मेलन के आयोजन पर खुशी जताई, साथ ही कहा कि भविष्य में इस तरह के आयजन से रचनात्मकता को बल मिलता रहेगा। अपनी रचना शुरु करने के पहले प्रोफेसर टेकाड़े ने कहा कि उन्हें पहली बर अपनी रचना पेश करने का मंच मिला, जिससे वे खासे उत्साहित हैं। प्रोफेसर गायकवाड़ ने 20 साल पहले लिखी कविता पेश की। जिसमें उन्होंने कल्पनाओं का वर्णन किया।
कवियों ने बांधा समां
वीर रस के कवि विनोद विद्रोही ने इसी संस्थान से पढ़ाई की है। उन्होंने बदलते हुए ताजा राजनीतिक परिवेश पर बेबाक तरीके से अपनी रचनाएं पेश की। जिसमें देश भक्ति की भावना प्रकट हो रही थी। कवियत्रि वनश्री पंधारे ने मराठी में कविता पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया। इसके अलावा पत्रकार तजिन्दर सिंघ ने छात्र-छात्राओं से कहा कि संघर्ष से कभी घबराना नहीं चाहिए। संघर्ष हमें आगे बढ़ाता है, बिना संघर्ष कुछ प्राप्ती नहीं होती। संघर्ष ही जीवन है, ये हमें जीवित रहने का अहसास दिलाता है, साथ ही मजबूती से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की ललक पैदा करता है।
Created On :   8 Dec 2017 10:44 PM IST