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मार्कंडेयवार के वर्हाडी किस्सों ने गुदगुदाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर| ‘आपल्याले का करा लागते" एकपात्री कार्यक्रम में नाट्यलेखक निरंजन मार्कंडेयवार ने वऱ्हाडी और नागपुरी बोली में किस्से सुनाकर खूब गुदगुदाया। फुलराणी, मेजर हेमंत जकाते विद्यानिकेतन, माऊली एसोसिएट्स और शेवालकर डेवलपर्स के सौजन्य से निरंजन मार्कंडेयवार के कार्यक्रम का आयोजन हिंदी मोर भवन में किया गया। प्रमुख अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी रमेश लखमापुरे तथा पत्रकार राजेश चरपे उपस्थित थे। मार्कंडेयवार ने वऱ्हाडी भाषा में मन्या, भारी, इचक्या, तात्या सरपंच आदि के हास्य-व्यंग्य के मजेदार किस्से सुनाए। परिचय एड. कल्याणी कापसे ने दिया। संचालन धनंजय मांडवकर ने किया। आतिश डांगरे ने आभार माना। धनंजय मांडवकर, आनंद देशपांडे, वासंती प्र. मार्कंडेयवार, मदन बुलकुंदे का साहित्य और सांस्कृतिक क्षेत्र में कार्यों के लिए सत्कार किया गया। विसासंघ के दिवंगत अध्यक्ष मनोहर म्हैसालकर को कार्यक्रम समर्पित किया गया। सफलतार्थ मधुसूदन मुडे, योगेश करमरकर, प्रशांत सुटे, सुभाष शर्मा, किरण काशीनाथ, हर्षल वसुले, प्रशांत कुकडे, राजेश तितरमारे, आदित्य बुलकुंदे ने प्रयास किया।
Created On :   1 Nov 2022 1:36 PM IST