नागपुर के कुएं पानी पीने लायक नहीं, कचरे से बजबजाए

Nagpur wells are not worth drinking, waste is spent
नागपुर के कुएं पानी पीने लायक नहीं, कचरे से बजबजाए
नागपुर के कुएं पानी पीने लायक नहीं, कचरे से बजबजाए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के कुओं में कचरा भरा होने से न केवल इनका पानी दूषित हो गया है, बल्कि धीरे-धीरे ये प्राकृतिक जलस्रोत खत्म होते जा रहे हैं। इस मुद्दे के साथ संदेश सिंघलकर ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने नीरी की एक रिपोर्ट का हवाला देकर कोर्ट को बताया कि इस रिपोर्ट में यह सामने आया है कि नागपुर शहर के अधिकांश कुएं सूख चुके हैं। इसी कारण लोग उनमें कचरा डालने लगे हैं। 

नीरी की रिपोर्ट में दावा
नीरी की रिपोर्ट में दावा है कि शहर में 666 कुएं हैं। इनमें से 50 प्रतिशत कुओं में कचरा भरा पड़ा है। 230 कुएं अनुपयोगी हो गए हैं। 30 प्रतिशत कुओं का पानी पीने योग्य नहीं बचा है। याचिकाकर्ता के अनुसार नागपुर शहर में पानी की कमी को देखते हुए इस प्रकार कुओं का खत्म होना एक बुरा संकेत है। 

भू-जल लगातार कम होने से नागरिकों की जीवन पर इसका सीधा असर पड़ेगा। इस मामले में न तो नागपुर महानगरपालिका और न ही महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कोई कदम उठा रहा है। 

साफ कराया जाए कचरा
याचिका में हाईकोर्ट से प्रार्थना की गई है कि वे मनपा को कुओं से कचरा हटवा कर उन्हें जीवित करने के आदेश जारी करें। मामले में गुरुवार को न्या. सुनील शुक्रे व न्या. अविनाश घारोटे की खंडपीठ में सुनवाई हुई। इसमें हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को और अधिक ठोस जानकारी के साथ आने और याचिकाकर्ता द्वारा इस समस्या पर खुद किए गए प्रयासों की जानकारी मांगी है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.असीम सरोदे ने पक्ष रखा। 

Created On :   26 March 2021 11:39 AM IST

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