- Home
- /
- फिल्म ‘अंबू’ में नागपुर के कलाकारों...
फिल्म ‘अंबू’ में नागपुर के कलाकारों को अवसर, मार्मिक है कहानी
![Nagpuri artists get opportunity in the film Anbu, the story is poignant Nagpuri artists get opportunity in the film Anbu, the story is poignant](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/11/film1_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दृढ़ निश्चय व सकारात्मक दृष्टिकोण इंसान को कामयाबी के पथ पर आगे ले जाता है। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं अम्बेश यादव, जो शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद पूरी हिम्मत के साथ जीवन में अपने हर काम को अंजाम तक पहुंचाते हैं। मूलत: भदोही उत्तर प्रदेश के निवासी अम्बेश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ आर्ट्स में स्नातक की डिग्री हासिल की है। उसके बाद नागपुर आए और उन्होंने यहीं से अपना फिल्मी करियर शुरुआत की। अम्बेश यादव ने 2010 में पहली फिल्म "काली दुल्हन" बनाई, जो दहेज प्रथा पर आधारित थी। उसके बाद 2016 में जाति प्रथा पर आधारित सामाजिक फिल्म "गंगेश्वरी" बनाई, जो खूब सराही गई।
मार्मिक होगा चित्रण
अम्बेस की तीसरी हिंदी फिल्म "अम्बू" का मुहूर्त किया गया। "अम्बू" में एक दिव्यांग के जीवन संघर्ष का मार्मिक चित्रण होगा। फिल्म के निर्माता निर्देशक अम्बेश यादव, सह निर्माता जसवंत विश्वकर्मा, प्रवेश मंडल, कैमरामैन शिवा चौधरी, लेखक विंध्या शुक्ला, गीतकार आतिश जौनपुरी, रूस्तम घायल और नज़र महौरसवी, संगीतकार अमरेश शाहबादी एवं कोरियोग्राफर ज्ञान सिंह हैं। फिल्म मेें मुख्य भूमिका में कुणाल सिंह, अनूप अरोड़ा, रमेश गोयल, अजीत यादव, अभय यादव, हौसला यादव व अमित पाठक मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में अधिकांश कलाकार शहर से लिए गए हैं।
बापू की जयंती पर स्कूलों में होंगे कार्यक्रम
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके लिए बोर्ड ने नवंबर से अक्टूबर 2020 तक विभिन्न कल्चरल प्रोग्राम कराने की प्लानिंग की है। इसके तहत बोर्ड ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर थीमवाइज कैलेंडर जारी किया है। इसके हिसाब से स्टूडेंट्स क्लीनलीनेस ड्राइव से लेकर इस थीम पर परिचर्चा करेंगे, वहीं टीचर्स का उन्हें पूरा सपोर्ट मिलेगा। इस एक्टिविटी कैलेंडर के हिसाब से स्कूलों को अपने कैंपस में कार्यक्रम का आयोजन कराना होगा। उसके हिसाब से उन्हें एक रिपोर्ट तैयार करनी होगी और बोर्ड को हर महीने के अंत में भेजना होगा।
इस प्रकार रहेगा कैलेंडर
नवंबर : इसमें समाजसेवा थीम पर क्लीनलीनेस ड्राइव, वस्त्र वितरण, वृद्धाश्रम भ्रमण, अनाथाश्रम और स्पेशल होम्स की विजिट होगी।
दिसंबर : हेल्थ एंड फिजिकल फिटनेस थीम पर छात्र पदयात्रा, सात्विक आहार अभियान, जंक फूड के विरोध में कैंपेन और योगा आदि गतिविधियां होंगी।
जनवरी : एकता थीम पर प्रार्थना सभा, स्किट और नाटक का मंचन किया जाएगा।
फरवरी : स्वदेशी थीम पर स्टूडेंट्स खादी को प्रमोट करेंगे। साथ ही स्वदेशी वस्तुओं के लिए एक्टिविटी करेंगे।
मार्च : सच्चाई थीम पर निबंध, कविता आदि प्रतियोगितएं हाेंगी। टीचर्स के व्याख्यान होंगे।
अप्रैल : महिला सशक्तिकरण पर स्किट का आयोजन, टीचर्स क्लास लेंगे।
मई : हैंड राइटिंग स्पर्धा होगी और छात्रों में हैंड राइटिंग सुधारने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
जून : पशु-पक्षियों और पौधों के लिए प्रेम व विनम्रता थीम पर गतिविधियां होंगी। पौधरोपण किया जाएगा।
जुलाई : बाल संसद का आयोजन, मौलिक कर्तव्य विषय पर लेक्चर होंगे।
अगस्त : छात्र श्रमदान करेंगे और स्कूलों को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान चलाएंगे।
सितंबर : प्रकृति संरक्षण थीम पर स्कूल गार्डन में पौधे लगाए जाएंगे।
अक्टूबर : महात्मा गांधी पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
Created On :   4 Nov 2019 10:57 AM GMT