नागपुर का केंद्रीय सर्वेक्षण टीम ने किया स्वच्छता रैंकिंग के लिए निरीक्षण, मनपा बेखबर

Nagpurs central survey team inspected for cleanliness ranking, Manpa unaware
नागपुर का केंद्रीय सर्वेक्षण टीम ने किया स्वच्छता रैंकिंग के लिए निरीक्षण, मनपा बेखबर
नागपुर का केंद्रीय सर्वेक्षण टीम ने किया स्वच्छता रैंकिंग के लिए निरीक्षण, मनपा बेखबर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छता के मामले में संतरानगरी का चेहरा-मोहरा कितना साफ-सुधरा है, इसका 15 दिन तक जायजा लेकर केंद्रीय सर्वेक्षण टीम वापस लौट गई और मनपा को पता भी नहीं चला कि कोई टीम शहर में आई थी। इस सर्वे का आकलन करने के बाद उपराजधानी को अंक दिए जाएंगे कि देश में इसकी क्या स्थिति है। यह टीम 15 से 31 मार्च तक शहर में थी। टीम में करीब 25 सदस्य थे, जिन्होंने शहर के अलग-अलग इलाकों में नागरिकों, फुटपाथ दुकानदारों आदि से रोजाना की साफ-सफाई के बारे में जानकारी ली है। हालांकि मनपा की ओर से टीम को लेकर खासा सावधानी बरती जा रही थी, इतना ही नहीं स्मार्ट सिटी के नियंत्रण कक्ष में लगे सीसी टीवी कैमरों से निगरानी भी की गई, लेकिन टीम बेहद सावधानी से अपना काम पूरा कर लौट गई है।ऑ

अब बहानेबाजी
स्वच्छता को लेकर प्रशासन के अधिकारी सर्वेक्षण में बेहतर परिणाम आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन वास्तविकता इससे विपरीत नजर आ रही है। कमियों को छिपाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण में मुश्तैदी से लगे होने के बहाने को सामने कर दिया है। मनपा के आला अधिकारियों ने टीम की दबिश देने से पहले सफाई करने का फैसला किया था, लेकिन केंद्रीय टीम ने बड़ी चतुराई से अपना काम कर गई।

नहीं मिल पा रही सफलता
मनपा पिछले 5 साल से स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की कोशिश कर रही है, लेकिन घनकचरा संकलन, परिवहन और व्यवस्थापन के साथ ही सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की बदहाली से मनपा को विफल होना पड़ रहा है। स्वच्छता के लिए जागरूकता और सिटीजन फीडबैक में भी मनपा सार्थक परिणाम नहीं दे पाई है। सिर्फ जीपीएस घड़ी का क्रियान्वयन ही एकमात्र सफलता का मानदंड साबित हो पाया है। 

3600 अंकों में मूल्यांकन
 इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में 6000 अंकों का मूल्यंाकन हो रहा है। इसमें से 2400 अंकों को दस्तावेजों के प्रस्तुतिकरण में आरक्षित रखा गया है। सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता, मूलभूत सुविधा, शौचालय के दस्तावेजों को प्रमाण रूप में देना है। इसमें मनपा ने निजी एजेंसी की सहायता से सुधार किया है। दो विभागों में 1800-1800 अंकों का सर्वेक्षण सिटीजन फीडबैक और सर्टिफिकेशन के लिए हो रहा है। दस्तावेजों के अलावा अन्य दो श्रेणी में मनपा की ओर से कोई ठेास पहल नहीं हो पाई है।

सम्मानजनक स्थिति संभव
केंद्रीय टीम की ओर से बेहद गुप्त रूप से सर्वेक्षण किया जाता है। फिलहाल इस पर कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं होगा, लेकिन सम्मानजनक स्थान मनपा को मिलने की उम्मीद है। 
 संजय निपाने, अतिरिक्त आयुक्त, मनपा
 

Created On :   2 April 2021 6:30 AM GMT

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