नागपुर के शुभम भैसारे, सुमित रामटेके और शुभम नगराले ने मारी बाजी

Nagpurs Shubham Bhaisare, Sumit Ramteke and Shubham Nagrale won
नागपुर के शुभम भैसारे, सुमित रामटेके और शुभम नगराले ने मारी बाजी
यूपीएससी नागपुर के शुभम भैसारे, सुमित रामटेके और शुभम नगराले ने मारी बाजी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  केंद्रीय लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सर्विस एग्जाम का परिणाम सोमवार को जारी किया गया। इस परीक्षा में टॉप 4 में छात्राओं ने कब्जा जमा कर राष्ट्रीय स्तर पर अपना दबदबा साबित किया है। 

शहर के स्तर पर देखें तो इस बार की परीक्षा में नागपुर से संबंध रखने वाले तीन परीक्षार्थियों ने बाजी मारी है। भारतीय प्रशासकीय सेवा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र के 6 विद्यार्थियों ने इंटरव्यू दिया था, जिसमें से 3 को सफलता मिली है। जानकारी के अनुसार, शुभम भैसारे ने ऑल इंडिया रैंक 97 हासिल किया है। शुभम की रैंकिंग अब तक नागपुर के किसी परीक्षार्थी को मिली सर्वोत्तम रैंकिंग बताई जा रही है।  इसी तरह सुमित रामटेके को देश में 358 और शुभम नगराले को 568वां स्थान प्राप्त हुआ है। यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम की शुरुआत अक्टूबर 2021 में प्रीलिम्स परीक्षा के साथ हुई थी। इसके बाद 7 से 16 जनवरी 2020 के बीच मुख्य परीक्षा ली गई थी। इसमें सफल उम्मीदवारों के साक्षात्कार बीती 26 मई को लिए गए। अंतिम परिणाम में कुल 685 परीक्षार्थी सफल हुए हैं। अच्छे परिणाम के कारण परीक्षार्थियों और उनके मित्र-परिवार में खुशी की लहर है। 

शुभम भैसारे को 97वां रैंक, चौथे प्रयास में सफल
नागपुर के भारतीय प्रशासकीय सेवा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र के विद्यार्थी रहे शुभम भैसारे ने यूपीएससी में देश में 97वां रैंक पाकर अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। मूलत: गोंदिया निवासी शुभम ने नागपुर में स्कूली पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि यह उनका चौथा प्रयास था। वर्ष 2017 में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज में चयन हुआ था। तब से ही वे नौकरी पर हैं। वर्ष 2019 में यूपीएससी में 749 रैंक हासिल किया। वर्तमान में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज में कार्यरत हैं और लखनऊ में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि नौकरी के साथ पढ़ाई करना चुनौतीपूर्ण काम था, लेकिन नियमित पढ़ाई जारी रखी। पिता अशोक भैसारे सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश हैं। माता कुंदा गृहिणी हैं और छोटा भाई सुबोध एलएलएम की पढ़ाई पूरा कर चुका है। शुभम ने कहा कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती। लगातार लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। 

7 बार किया प्रयास, अब आईपीएस अधिकारी बनेंगे सुमित रामटेके
नागपुर. यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 358 प्राप्त करने वाले यवतमाल जिले के वणी तहसील के छोटे से गांव शिरपुर में रहने वाले सुमित रामटेके को आईपीएस अधिकारी बनने के अपने लक्ष्य को पाने के लिए कुल 7 बार प्रयास करना पड़ा। वे इसके पूर्व भी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद 2016 में सुमित ने प्रशासनिक सेवा के लिए तैयारी शुरू की। 2018 में सीआरपीएफ में सहायक कमांडंेट के लिए चयन हुआ। 2019 में फिर परीक्षा दी। 750वां रैंक मिलने से चयन इंडियन कॉरपोरेट लॉ सर्विसेस के लिए हुआ। फिलहाल वह इंडियन कॉरपोरेट लॉ सर्विसेस में सहायक निदेशक हैं। लेकिन उनका लक्ष्य आईपीएस बनने का था, जिसके लिए उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। उनके पिता सुधाकर रामटेके वणी के शिरपुर गांव की स्कूल में प्रयोगशाला निरीक्षक के रूप में काम करते थे। मां गृहिणी हैं। सुमित ने परिश्रम को ही सफलता की कुंजी बताया है। 

Created On :   31 May 2022 4:13 AM GMT

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