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कोविड सहायता निधि की सूची से 250 लोगों के नाम नदारद

डिजिटल डेस्क,अमरावती। कोरोना संक्रमण से भले ही राहत मिलती दिखाई दे रहा हो लेकिन इस दौरान हुईं गड़बड़ियां अब भी सरकारी विभागों का पीछा नहीं छोड़ रही है। मनपा और जिला प्रशासन की ओर से दिए गए 1842 मृत्यु प्रमाणपत्र में मृत्यु का कारण कोरोना बताया गया है लेकिन सरकारी आंकड़ों में कोविड से मृतकों की संख्या 1592 दर्ज है। ऐसे मंे कोविड से मृत होनेवालों की संख्या में 250 का अंतर आ रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि यह चूक शहर व ग्रामीण मृत्यु विभाग से हुई या फिर आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से आंकड़े जारी करने में गड़बड़ी हुई। इसे लेकर भी किसी विभाग के पास स्पष्ट जानकारी नहीं हैं।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब सरकार ने कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को सानुग्रह अनुदान देने का निर्णय लिया। इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र लाभार्थियों से आवेदन मंगवाए गए थे। शुरुआत में जिला प्रशासन की ओर से कुल 1592 लाभार्थियों को यह लाभ दिए जाने की बात कही गई थी। किंतु ऑनलाइन पोर्टल पर प्रशासनिक आंकड़ों से अधिक कोरोना मृत्यु प्रमाणपत्र सामने आने पर यह संकट निर्माण हुआ। इसके बाद जिला कोविड अस्पताल, जिला शल्यचिकित्सक कार्यालय, जिला आपदा प्रबंधन विभाग सभी मृतकों की सही जानकारी को लेकर पहली और दूसरी लहर के दौरान किए गए अंतिम संस्कारों, अस्पताल से निकले शवों के आंकड़ों की जांच करने में जुटे हुए हंै।
विशेष बात यह है कि मृतकों की सूची में सबसे अधिक अनियमितता मनपा क्षेत्र में ही देखी जा रही है। अब मनपा की ओर से हिंदु श्मशान भूमि, शंकर नगर, दस्तूर नगर, मसानगंज श्मशान भूमि से भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किए गए अंतिम संस्कारों की सूची मांगी गई है। जबकि 8 कब्रिस्तानों को भी यह आदेश जारी किए गए हैं। मनपा स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोविड अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर ही कोरोना मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। साथ ही जिला शल्यचिकित्सक कार्यालय से जारी किए जाते थे।
Created On :   17 March 2022 3:07 PM IST