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सभी नेताओं से मिलेंगे नाना, कांग्रेस में चल रहे मतभेद मिटाने करेंगे प्रयास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व सांसद व प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त उपाध्यक्ष नाना पटोले सभी नेताओं से मिलकर पार्टी में चल रहे मतभेद मिटाने के लिए प्रयास करेंगे। बता दें नाना इन दिनों नागपुर में सक्रिय हैं, उन्होंने नागपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी भी दिखाई है। श्री पटोले ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें नागपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने को कहती है तो जरूर लड़ेंगे। विधानसभा भी लड़ने के लिए वे तैयार हैं। पार्टी में चल रहे मतभेदों पर श्री पटोले ने कहा कि वे मतभेदों को दूर करेंगे। खुद पहल करेंगे। सभी से मुलाकात करेंगे। पूर्व सांसद विलास मुत्तेमवार हमारे नेता हैं। श्री मुत्तेमवार और विकास ठाकरे से भी मुलाकात करेंगे।
शहर से जुड़ी समस्याओं को जाना
प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने के बाद वे पहली बार मनपा मुख्यालय पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने शहर से जुड़ी समस्याएं जानीं। इस अवसर पर विरोधी पक्षनेता तानाजी वनवे, पूर्व मंत्री डॉ. अनीस अहमद, पूर्व विधायक अशोक धवड़ सहित अनेक नेताओं ने स्वागत किया। इस अवसर पर वे अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। श्री पटोले ने कहा कि कांग्रेस में सही लोकतंत्र है। भाजपा ने अपने नगरसेवकों के इस्तीफे लेकर रखे हैं। ऊपर से भाजपा नेता कहते हैं कि हमारे पार्टी में यह परंपरा है। इससे समझ में आता है कि भाजपा में लोकतंत्र नहीं है। शहर में कांग्रेस के सभी नेताओं को एकजुट करने के लिए हम प्रयास करेंगे। कुछ गैर-समझ है, उसे दूर कर सभी को एकत्रित लाने के लिए प्रयास करेंगे। पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा किया जाएगा।
चतुर्वेदी प्रकरण की नहीं है पूरी जानकारी
पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी को पार्टी से निलंबित किए जाने पर फिलहाल कांग्रेस नेता पटोले ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे इस पर जरूर बोलेंगे पर अभी नहीं। इस प्रकरण की संपूर्ण जानकारी नहीं है। मामले का अध्ययन करने के बाद बोलेंगे।
शहर को पानी देने पर हो स्वतंत्र व्यवस्था
चर्चा के दौरान पूर्व सांसद नाना पटोले, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेकर आक्रामक दिखे। पटोले ने कहा कि पूर्व महापौर व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तीन साल से अधिक समय से सत्ता में हैं, लेकिन नागपुर शहर को जलापूर्ति करने के लिए स्वतंत्र बांध बना नहीं पाए। वे खुद महापौर रहे हैं। उन्हें शहर के बारे में ज्यादा जानकारी है। क्या अब ये मांग भी कांग्रेस को करनी पड़ेगी। जिला परिषद ने पेंच प्रकल्प से शहर को पानी देने का विरोध किया था। हालांकि दबाव में उन्हें यह कदम वापस लेना पड़ा। ऐसे में मुख्यमंत्री को शहर के लिए पानी व्यवस्था करने के लिए विचार करना होगा। अन्यथा भविष्य में भीषण संकट का सामना करना पड़ेगा। नागरिक आज भी दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
Created On :   24 Feb 2018 2:58 PM IST