नरसिंहपुर शुगर मिल एसोसिएशन को नहीं मिला हाईकोर्ट से स्टे , अगली सुनवाई 15 फरवरी को

Narsinghpur sugar mill association did not get the stay from the hc next hearing on 15th february
नरसिंहपुर शुगर मिल एसोसिएशन को नहीं मिला हाईकोर्ट से स्टे , अगली सुनवाई 15 फरवरी को
नरसिंहपुर शुगर मिल एसोसिएशन को नहीं मिला हाईकोर्ट से स्टे , अगली सुनवाई 15 फरवरी को

डिजिटल डेस्क,जबलपुर । हाईकोर्ट ने नरसिंहपुर कलेक्टर द्वारा गन्ना रेट निर्धारण के मामले में  शुगर मिल एसोसिएशन को स्टे देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने राज्य सरकार, केन्द्र सरकार, कलेक्टर नरसिंहपुर और डायरेक्टर किसान कल्याण और कृषि विभाग को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को नियत की गई है।

शुगर मिल एसोसिएशन ऑफ एमपी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि नरसिंहपुर कलेक्टर ने 22 जनवरी को आदेश जारी कर गन्ना खरीदी की दर 294.20 रुपए प्रति क्विंटल तय कर दी। नरसिंहपुर की शुगर मिल के संचालकों ने कलेक्टर के आदेश को मानने से इंकार कर दिया। इसके खिलाफ किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया और 25 जनवरी को गाडरवारा एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। कलेक्टर ने 25 जनवरी को सभी शुगर मिल संचालकों को कारण बताओं नोटिस जारी कर पूछा क्यों न उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। शुगर मिल एसोसिएशन ऑफ एमपी की ओर से अधिवक्ता मुकेश अग्रवाल ने तर्क दिया कि कलेक्टर ने बिना किसी आधार के गन्ने के रेट तय कर दिए है। इसलिए कलेक्टर के आदेश को स्टे किया जाए और मिल संचालकों को पुराने रेट 275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदी की अनुमति दी जाए। राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता अजय शुक्ला ने तर्क दिया कि नरसिंहपुर कलेक्टर ने खंडवा स्थित प्रयोगशाला की रिकवरी  रिपोर्ट के आधार पर गन्ने के रेट तय किए है।
 

किसान संघर्ष समिति ने लगाई आपत्ति
सुनवाई के दौरान किसान संघर्ष समिति के रमाकांत धाकड़ की ओर से आपत्ति पेश की गई। संघर्ष समिति की ओर से अधिवक्ता शिवकुमार श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि कलेक्टर ने खंडवा स्थित प्रयोगशाला की रिकवरी रिपोर्ट के आधार पर गन्ने का रेट निर्धारित किया है। शुगर मिल संचालक जानबूझकर कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं कर रहे है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने शुगर मिल एसोसिएशन को स्टे देने से इंकार करते हुए राज्य सरकार, केन्द्र सरकार, डायरेक्टर किसान कल्याण और कृषि विभाग को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। केन्द्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जेके जैन ने पक्ष रखा।

 

Created On :   31 Jan 2019 1:26 PM IST

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