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असली पुलिस को खूब छकाया, फ्री-स्टाइल के बाद पकड़ाया नकली पुलिस का गिरोह

डिजिटल डेस्क,नागपुर। अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय नकली पुलिस गिरोह को पकड़ने में अंतत: पुलिस को सफलता मिली है। दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे नौ प्रकरणों का खुलासा हुआ है। लाखों रुपए का माल भी जब्त किया गया है। कार्रवाई के दौरान असली और नकली पुलिस में भिड़ंत भी हुई, जिसमें दोनों घायल भी हुए हैं। मंगलवार को हुई पत्र-परिषद में उपायुक्त राकेश ओला ने गिरोह के अन्य सदस्यों को भी बहुत जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया है।
मिली गुप्त सूचना
गत छह से आठ महीने के भीतर सुबह की सैर पर निकलने वाले बुजुर्ग नकली पुलिस के निशाने पर रहे हैं। मादक पदार्थ होने, हत्या अथवा पुलिस जांच का हवाला देकर बुजुर्गों से सोने-चांदी के आभूषण ऐंठने में इनका गिरोह सफल रहा है। हो रही किरकिरी से परेशान पुलिस ने घटनास्थल परिसर से सीसीटीवी के फुटेज जब्त किए। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और महाराष्ट्र के भी कई थानों को जानकारी दी गई। इस बीच, पता चला कि गिरोह के सदस्य अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय हैं और उन्होंने नागपुर महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में भी ऐसी कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
16 मई को बर्डी थाने के दस्ते को गुप्त जानकारी मिली कि नकली पुलिस का गिरोह छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एकत्र होने वाला है। वहां पर वे लूट-पाट के माल का बंटवारा करने वाले हैं। पुलिस दल अंबिकापुर रवाना हुआ। वहां के ईरानी बस्ती में हमायुन जाफरी (43) आम्बेवली, मुंबई निवासी को दबोच लिया गया। पूछताछ के दौरान हमायुन से पता चला कि गिरोह के अन्य सदस्य जाकीर उर्फ सलमान फिरोज जाफरी (42) और इरफान अली नाजीर अली (25) दोनों बुढार (मध्यप्रदेश) निवासी के पास लूट का माल है और वहीं पर बंटवारा होने वाला है। स्थानीय पुलिस की मदद से इरफान के बुढार स्थित घर में छापा मारा गया। आरोपी घर के छत पर थे और बंटवारे की तैयारी चल रही थी।
9 प्रकरणों का माल जब्त
आरोपियों ने नागपुर में छह से आठ महीने के भीतर नौ घटनाओं को अंजाम दिया है। इसमें से 3 घटनाएं बर्डी में, 2 अंबाझरी परिसर में, 2 बेलतरोड़ी में और 2 हुड़केश्वर क्षेत्र में हुई है। आरोपी से 700 ग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं। अनुमानित कीमत 12 लाख रुपए बताई जा रही है। प्रकरण में और भी गंभीर खुलासे होने की संभावना है।
पुलिस जैसा दिखने के लिए बनाई बॉडी
नकली पुलिस ने असली पुलिस जैसा दिखने के लिए अपनी बॉडी भी बनाई थी। बात करने का तरीका भी वैसा ही रहता था। शिकार को फांसते वक्त दो लोग पहले बात करते थे। बाद में और लोग वहां पर आकर उनकी बात की पुष्टि करते थे। इससे आम आदमी उनके जाल में फंस जाता था।
पत्र-परिषद में उपायुक्त राकेश ओला, सहायक उपायुक्त बोरावके, निरीक्षक खराबे थे। कार्रवाई में निरीक्षक परमार, उपनिरीक्षक अरूण बकाल, गजानन निशितकर, ओमप्रकाश भारतिया, पंकज रामटेके, प्रकाश राजपल्लीवार, पंकज निकम और अंकुश घटी ने हिस्सा लिया।
आरोपी के साथ पुलिस ने भी लगाई छत से छलांग
पुलिस को देखकर इरफान ने घर की छत से छलांग लगा दी। अंधेरे का लाभ उठाकर भागने लगा, मगर पुलिस के जवान पंकज रामटेके ने जान की परवाह किए बगैर आधे किलोमीटर तक इरफान का पीछा किया और उसे दबोच लिया। दोनों में हाथापाई भी हुई। पंकज घायल हुआ, लेकिन आरोपी को पकड़ने में कामयाब रहा। सलमान और अबुझा अली नामक आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लग पाए हैं।
Created On :   23 May 2018 1:12 PM IST