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नौसेना के डॉकयार्ड ने बनाई बेहद सस्ती इंफ्रारेड गन-जानिए खूबियां

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोनावायरस का रोग जिस तेजी से फैल रहा है उसे रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास जरूरी है। कोरोना पीड़ितों की पहचान के लिए नौसेना के मुंबई स्थित डॉकयार्ड ने इंफ्रारेड तापमान सेंसर गन तैयार की है। सामान्य तौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले घरेलू उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए यह गन बनाई गई है और इसकी लागत एक हजार रुपये से भी कम है। बाजार में फिलहाल भारी मांग के चलते इन गनों की कमी है और इसके लिए 7 से 10 हजार रुपए तक कीमत चुकानी पड़ रही है। इस गन के जरिये 0.02 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सटीक तरीके से मापा जा सकता है।
नौसेना के मुंबई स्थित डॉकयार्ड ने अपने प्रवेश द्वारों पर बड़ी संख्या में कर्मियों की स्क्रीनिंग के लिए इन्फ्रारेड तापमान सेंसर गन डिजाइन की है, ताकि सुरक्षा जांच गतिविधियों पर बोझ कम किया जा सके। नौसेना की ओर से गुरुवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि डॉकयार्ड द्वारा खुद के उपलब्ध संसाधनों से विकसित इस गन को जरूरत के मुताबिक बड़े पैमाने पर भी बनाया जा सकता है। नौसेना के पश्चिमी कमान के 285 वर्ष पुराने डॉकयार्ड में प्रतिदिन औसतन लगभग 20 हजार लोग आते हैं। कोरोना संक्रमण के फैलाव के मद्देनजर इन कर्मियों के डॉकयार्ड में प्रवेश करने के समय शुरुआती जांच जरूरी हो गई है। संभावित रोगी की बिना संपर्क स्क्रीनिंग के लिए उसके शरीर के तापमान की जांच करना सबसे बेहतर तरीका है।
कोविड के प्रकोप के बाद से गैर-संपर्क वाले थर्मामीटर या इन्फ्रारेड तापमान सेंसर गन की बाजार में कमी हो गई हैं या बहुत अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं। इनकी कमी को दूर करने और मांग के अनुरूप इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मुंबई के नौसेनिक डॉकयार्ड ने 0.02 डिग्री सेल्सियस तक के शारीरिक तापमान को सटीकता के साथ नापने में सक्षम गन डिजाइन और विकसित किया है। यह एक तरह का थर्मामीटर है जो किसी के शारीरिक संपर्क में आए बिना ही उसके शरीर का तापमान जांच लेता है। इसमें एक इन्फ्रारेड सेंसर और एक एलईडी डिस्प्ले लगा हुआ है जो एक माइक्रोकंट्रोलर के साथ जुड़ा हुआ है। यह 9 वोल्टेज की क्षमता वाली बैटरी पर चलता है।
Created On :   2 April 2020 9:10 PM IST