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नवीनभाई देसाई ने ग्रहण किया संथारा, दर्शनार्थ उमड़ रहा जनसमुदाय

डिजिटल डेस्क, अमरावती। पूज्य चारित्रलताश्रीजी महासतीजी के मुखारविंद से नवीनभाई देसाई ने संथारा ग्रहण किया। संपूर्णतः आहार त्याग किए संथारा व्रत साधक नवीनभाई देसाई का शुक्रवार को पांचवां उपवास था। उनके दर्शनार्थ जनसमुदाय उमड़ रहा है। जैन दर्शन में मृत्यु को महोत्सव रूप में स्वीकारने का नाम संथारा है।
जीवन के अंतिम समय में संथारा ग्रहण करने की प्रबल भावना व्यक्त करते हैं। ऐसी ही प्रबल भावना अमरावती के गुजराती जैन समाज के 76 वर्षीय धर्मनिष्ठ सुश्रावक नवीनचन्द्र हरिलालभाई देसाई ने व्यक्त की है। उनके आत्मपुरुषार्थ की उत्तरोत्तर प्रबल भाव विनती को स्वीकार कर अमरावती चातुर्मास में विराजित, विहार यात्रा दौरान उपस्थित परम पूज्य श्री हीरामुनि म.सा. की सुशिष्या चारित्रलताश्रीजी महासतीजी के मुखारविंद से उन्हें 29 नवंबर को तिविहार संथारा व्रत के पच्चक्खाण दिए गए। श्री वर्धमान स्थानकवासी गुजराती व मारवाड़ी जैन श्रावक संघ अंबापेठ व बडनेरा रोड़ एवं सकल जैन समुदाय द्वारा सर्वत्र उनके संथारा व्रत साधना की अनुमोदना की जा रही है। संथारा साधक नवीनभाई देसाई के दर्शन का लाभ देवरणकर नगर स्थित उनके निवास स्थान में सुबह 10 से 11.30 और दोपहर 3.30 से 4.30 के बीच भाविक ले पाएंगे। सकल जैन समुदाय संथारा साधक नवीनभाई देसाई की देव-गुरु-धर्म के प्रति दृढ़ श्रद्धा, प्रभु महावीर जैसी वीरता, समता-सहनशीलता व प्रबल मनोबल की प्रशस्ति व अनुमोदना कर रहा है।
Created On :   3 Dec 2021 8:11 PM IST