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विकास पथ पर दौड़ने लगा नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिला : सुले
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। हर समय गड़चिरोली जिले की पहचान नक्सलग्रस्त, अतिदुर्गम और दुर्गम क्षेत्र के रूप में दी जाती है। जिले की ऐसी स्थिति पहले थी, लेकिन अब चित्र बदलने लगे हंै। जिले में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हो रहे हैं। गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचने लगी हंै। बारामती, मुंबई और पुणे जैसी सड़कें यहां भी बनने लगी हंै। सही मायने में अब नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिला विकास के पथ पर दौड़ने लगा है। यह विचार राकांपा नेता व सांसद सुप्रीया सुले ने व्यक्त किए। अपने एक दिवसीय जिला दौरे पर पहुंची सांसद सुले की उपस्थिति में मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय में विकलांग व्यक्तियों को विभिन्न उपकरणों का िवतरण किया गया। इस समारोह में वे बोल रहीं थीं।
कार्यक्रम में महिला आयोग सदस्य आभा पांडे, जिलाधिकारी संजय मीणा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार आशीर्वाद, जिप की पूर्व अध्यक्ष भाग्यश्री आत्राम, जिला शल्य चिकित्सक डा. अनिल रूडे, जिला नियोजन समिति के सदस्य रवींद्र वासेकर, सुरेखा ठाकरे, समाज कल्याण अधिकारी पुष्पलता आत्राम आदि उपस्थित थे।
191 बच्चों को बांटे अत्याधुनिक डिजिटल कर्ण उपकरण
नागपुर के मित्रा संस्था और गड़चिरोली जिला प्रशासन की ओर से जिले के कुल 214 कर्णबधिर व्यक्तियों की जांच करायी गयी। इनमें से 191 पात्र बालकों को कार्यक्रम के दौरान अत्याधूनिक डििजटल कर्ण उपकरण का वितरण सांसद सुले के हाथों किया गया। इस समय सुले ने कहा कि, दिव्यांगों के लिए सरकार द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। पहले केवल 5 नॉर्म्स से विकलांगों को प्रमाणपत्र दिये जाते हंै। अब प्रमाणपत्र के लिए 21 प्रकार के नियम बनाए गये हैं। इस कारण सभी पात्र विकलांगों को प्रमाणपत्र मिलने की राह आसान हो गयी है।
Created On :   8 Jun 2022 10:29 AM GMT