राजीव गांधी हत्याकांड जैसी साजिश रचना चाहते थे नक्सली

Naxalites wanted conspiracy like Rajiv Gandhi assassination
राजीव गांधी हत्याकांड जैसी साजिश रचना चाहते थे नक्सली
राजीव गांधी हत्याकांड जैसी साजिश रचना चाहते थे नक्सली

डिजिटल डेस्क, पुणे। एल्गार परिषद के अर्बन माओवादी कनेक्शन की बारीकी से जांच होनी चाहिए, क्योंकि माओवादी राजीव गांधी हत्याकांड की तरह ही किसी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे। जिसके लिए एम-4 नामक हथियार खरीदने के लिए 4 लाख रुपए की डील हुई थी’। यह जानकारी गुरूवार को सरकारी वकील उज्ज्वला पवार ने शिवाजीनगर सत्र न्यायालय में दी। पुलिस द्वारा गिरफ्तार पांचों आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान पवार ने कहा कि माओवादियों से संबंध और एल्गार परिषद में भड़काऊ भाषण देकर कोरेगांव भीमा हिंसा को भड़काने के आरोप में पुणे पुलिस ने सुधीर ढवले, रोना विल्सन, शोभा सेन, सुरेंद्र गडलिंग और महेश राऊत को गिरफ्तार किया है।

सभी के प्रतिबंधित संगठन सीपीआई से घनिष्ठ संबंध हैं। पुलिस के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं। जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर यह पता चला कि माओवादियों ने एल्गार परिषद के आयोजन पर लाखों रुपए खर्च किए थे। साथ ही रोना विल्सन के घर से जो कागजात मिले हैं, उनमें साफ लिखा है कि परिषद की जिम्मेदारी सुधीर ढवले को सौंपी गई थी। जबकि, महेश राऊत को आयोजन के इंतजामों के लिए धन उपलब्ध कराया गया था। पवार ने आरोपियों को 14 दिन पुलिस हिरासत में भेजने की मांग करते हुए कहा कि भूमिगत हो चुके तीन आरोपियों की गिरफ़्तारी अभी बाकी है।

दूसरी ओर बचाव पक्ष की ओर से दलील करते हुए आरोपियों के वकील ने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे कोरेगांव भीमा हिंसा के मुख्य सूत्रधार हैं। लेकिन उन पर किसी भी तरह की कारवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं पर यूओपी केस के अंतर्गत कारवाई करने की बात कही गई। जब्कि संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे पर यूओपी केस के अंतर्गत कार्रवाई नहीं की जा रही। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपियों को 14 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

 

 

Created On :   7 Jun 2018 7:15 PM GMT

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