ओबीसी आरक्षण की लड़ाई लड़ने राकांपा ने सौंपी भुजबल पर जिम्मेदारी

NCP entrusted responsibility on Bhujbal to fight for OBC reservation
ओबीसी आरक्षण की लड़ाई लड़ने राकांपा ने सौंपी भुजबल पर जिम्मेदारी
राजनीति ओबीसी आरक्षण की लड़ाई लड़ने राकांपा ने सौंपी भुजबल पर जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा ने प्रदेश के स्थानीय निकायों में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण बहाली के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने की जिम्मेदारी प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति व ग्राहक संरक्षण मंत्री छगन भुजबल को सौंपी है। बुधवार को यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में पार्टी के मंत्रियों और नेताओं की बैठक में हुई। राकांपा के प्रवक्ता तथा प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण रद्द हो गया है। इसके मद्देनजर ओबीसी आरक्षण की अदालती लड़ाई को आगे ले जाने की जिम्मेदारी भुजबल को देने का निर्णय किया गया है। मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।

शीर्ष अदालत में ओबीसी आरक्षण पर 17 जनवरी को सुनवाई होगी। पार्टी की ओर से ओबीसी आरक्षण कायम करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। मलिक ने कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग को ओबीसी के एम्पिरिकल डाटा को जुटाने को कहा गया है। अब भुजबल आयोग को इस काम में सहयोग करने के लिए सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे। मलिक ने कहा कि पार्टी की ओर से स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए तैयारी की जाएगी लेकिन पार्टी की स्पष्ट भूमिका है कि बिना ओबीसी आरक्षण के स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं होने चाहिए। मलिक ने कहा कि इस साल मनपा, नगर पालिका और जिला परिषदों का होने वाले चुनावों में गठबंधन का फैसला लेने का अधिकार पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों को दिया जाएगा। किसी भी दल से गठजोड़ करने का फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से थोपा नहीं जाएगा। 

राकांपा के सभी कार्यक्रम रद्द 
मलिक ने कहा कि राज्य में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राकांपा ने जनवरी महीने में तय दो दिवसीय शिविर और सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्द करने का फैसला लिया है। मंत्रियों और नेताओं को भीड़ जुटने वाले कार्यक्रम आयोजित न करने के लिए कहा गया है। मलिक ने कहा कि राकांपा के पालक मंत्री व संपर्क मंत्री हर जिले में जाकर पार्टी के प्रमुख नेताओं से संवाद करेंगे। साथ ही पार्टी के भीतर होने वाले चुनाव की दृष्टि से सदस्यता अभियान को सफल बनाने का प्रयास करेंगे। 


 

Created On :   5 Jan 2022 7:37 PM IST

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