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डेढ़ हजार से अधिक पंजीयन का नहीं हुआ सत्यापन, भुगतान के लिए किसान काट रहे हजार

डिजिटल डेस्क छतरपुर । जिले में भावान्तर भुगतान योजना में अफसरों की लापरवाही से ढाई हजार किसानों के साढ़े 56 करोड़ पिछले तीन माह से फंसे हुए हैं। इतना ही नहीं नवीन पंजीयन का सत्यापन नहीं होने के कारण जिले के बाहर के किसान भुगतान के लिए अफसरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। हैरत की बात तो यह है कि जनवरी में उपज की खरीदी होने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं हो पाया है। जानकार बताते हैं भावान्तर योजना में लापरवाही के चलते नवंबर माह के किसानों की ही सूची तैयार हो पाई है। इसके चलते अब तक दिसंबर माह में उपज की बिक्री करने वाले किसानों का अभी तक फाइनल लिस्ट तैयार नहीं हो पाई है। जिले में कृषि उपज मंडी के माध्यम की गई दलहन की खरीदी की स्थित पर गौर करें तो सिर्फ अक्टूबर माह में उपज की बिक्री करने वाले किसानों को ही भावान्तर का भुगतान हो पाया है। किसानों के पंजीयन के सत्यापन में लापरवाही के चलते भुगतान की सूची तैयार नहीं हो पाई है । बताया जाता है की अफसर लापरवाही छिपाने के लिए किसानों के बैंक खाते गलत होने की अपवाह फैलाई जा रही, जबकि सत्यापन की रिपोर्ट फाइनल नहीं होने की वजह से किसानों को भुगतान नहीं हो पाया है ।
1202 किसानों को भुगतान नहीं
जिले के बाहर की मंडियों में उपज की बिक्री करने वाले 1202 किसानों के पंजीयन का सत्यापन नहीं हो पाया है। इसके चलते बाहर के किसानों को भी भावान्तर के तहत भुगतान नहीं हो पाया है । जानकारों के मुताबिक अब तक 71 सीरीज के किसानों की सूची तैयार हो पाई है। इसी की वजह से नवंबर से लेकर जनवरी माह तक किसानों के उपज की बिक्री का भुगतान नहीं हो पाया है । उधर कृषि विभाग और कृषि उपज मंडी के अफसर एक-दूसरे के पाले में गेंद डालकर लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश में जुटे हुए हैं। किसान माह शेष भुगतान 788 नवंबर 19,836,923;1736 दिसंबर 36,632,736; 2524 56,469,659
इनका कहना है
जिले के बाहर की मंडियों के किसानों के सत्यापन की रिपार्ट नहीं मिलने की वजह से अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। सत्यापन की रिपोर्ट जैसे ही मिलेगी किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा। सत्यापन शीघ्र करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है।
-मनोज कश्यप, उप संचालक कृषि
Created On :   6 March 2018 2:46 PM IST