न कंधा, न रस्मो-रिवाज, संक्रमितों के शव कचरागाड़ी में ले जा रहे

Neither shoulder, nor rituals, the bodies of the infected are being carried in the garbage cart
न कंधा, न रस्मो-रिवाज, संक्रमितों के शव कचरागाड़ी में ले जा रहे
न कंधा, न रस्मो-रिवाज, संक्रमितों के शव कचरागाड़ी में ले जा रहे

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कोरोना संक्रमण काल में मौत किसी त्रासदी से कम नहीं। न तो अपनों का कंधा और न ही रस्मो-रिवाज। ऊपर से सरकारी अव्यवस्था परिजनों को हिलाकर रख दे रही है। मृत देह को सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की परंपरा रही है, मगर कुछ दृश्य विचलित कर रहे हैं। 

घर में ही कर रहे थे इलाज 
मामला बुटीबोरी का है। एक कामगार परिवार के सदस्य की तबीयत खराब हुई, तो घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि कोरोनाकाल में मनमानी रकम वसूलने वाले अस्पतालों में उसे भर्ती किया जा सके। सरकारी अस्पतालों में गुहार काम नहीं आई, तो परिजनों ने घर में ही इलाज करने का फैसला लिया। दवा और चिकित्सा सलाह के अभाव में आखिरकार उसकी मौत हो गई। बुटीबोरी के प्रभाग क्रमांक-8 जूनी बस्ती निवासी जयराम नेव्हारे (47) के घर में 13 मई को मातम पसर गया। खबर नगर परिषद को दी गई। नगर परिषद के कर्मचारियों की अमानवीयता यहां देखी गई। 

नप कर्मचारी कचरा उठाने वाली गाड़ी में श्मशान घाट ले जाने लगे। इस पर मृतक के परिजनों ने नप के कर्मचारियों से कहा कि शव को कचरागाड़ी में न ले जाएं।  इसी तरह की घटना फिर दोहराई गई। शकुंतला श्यामराव खांदारे (70) की 15 मई को मौत हो गई थी। उस समय भी खबर देने पर नप कर्मचारी कचरा गाड़ी से ही शव ले जाने लगे थे।  इस पर मृतक के परिजन भोलाजी बुरबांधे ने नप के कर्मचारियों से कहा कि शव को कचरागाड़ी में न ले जाएं। यदि नगर परिषद के पास पैसे नहीं हैं तो हम शव को श्मशान घाट पहुंचाने का खर्च देंगे। 

"यह" देखा नहीं जाता 
खबर आग की तरह परिसर में फैल गई। बुटीबोरी नगर परिषद के इस अमानवीय कार्य से लोगों में काफी असंतोष है। उनका कहना है कि एक तो कोरोना के कारण लोग असमय अपने को खो रहे हैं, ऊपर से ‘यह’ देखा नहीं जाता। कम से कम शव के साथ तो न्याय हो।

यह है नियमावली
अगर कोविड-19 के किसी मरीज की मौत हो जाती है, तो उसके शव को कोई प्रशिक्षित कर्मचारी ही पैक करेगा। पहले उसके शव को सैनिटाइज किया जाएगा और फिर उसे स्टोर करेंगे। उसके अंतिम संस्कार के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों के साथ शव वाहन शव गृह में सहायता के लिए ही श्मशान या फिर कब्रस्तान भेजेंगे। इसके बाद शव वैन को भी सैनिटाइज किया जाएगा। इस दौरान अस्पताल ये तय करेगा कि शव के पोस्टमार्टम की जरूरत है या फिर नहीं। बुटीबोरी नगर परिषद में कोविड मरीजों के मरने के बाद नगर परिषद कर्मचारी शव को नप की कचरागाड़ी में श्मशान घाट ले जाने की घटना काफी शर्मनाक है।  

अमानवीय बर्ताव बंद करें नप कर्मचारी
नागपुर तहसील शिवसेना अध्यक्ष तुषार डेरकर ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही मैंने नगर परिषद के मुख्याधिकारी राजेंद्र चिखलखुनंदे से मिलकर कोविड मरीजों के शव के साथ नप कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे अमानवीय बर्ताव तुरंत बंद करके आगे से शववाहिनी से शव को श्मशान घाट ले जाने की मांग की है,  जिसे मुख्याधिकारी ने मंजूर किया है।

अब शववाहिनी से ही लेकर जाएंगे
बुटीबोरी नगर परिषद में कोविड से मृत शव को कचरागाड़ी से न ले जाते हुए किराए की गाड़ी से श्मशान घाट ले जाते हैं। इसके बाद शव को शववाहिनी से ही लेकर जाएंंगे। राजेंद्र चिखलखुनदे, मुख्याधिकारी, बुटीबोरी नगर परिषद
 

Created On :   20 May 2021 11:49 AM IST

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