सेंट्रल जेल में बनेंगे 8.50 करोड़ के नए बैरक, स्थानांतरण को लेकर उठ रहे सवाल

new barracks will get in nagpur central jail for prisoners
सेंट्रल जेल में बनेंगे 8.50 करोड़ के नए बैरक, स्थानांतरण को लेकर उठ रहे सवाल
सेंट्रल जेल में बनेंगे 8.50 करोड़ के नए बैरक, स्थानांतरण को लेकर उठ रहे सवाल

अभय यादव, नागपुर ।  सरकारी कार्यप्रणाली कई बार समझ के बाहर लगने लगती है। नागपुर सेंट्रल जेल को लेकर ऐसी ही स्थिति निर्माण हो रही है।  वैसे तो इसे मौदा में स्थानांतरित करने की घोषणा हो चुकी है बावजूद इसके उसमें  8.50 करोड़ के नए बैरक निर्माण की तैयारी की जा रही है। अफसरों को आनन-फनन में यह निर्माण करने की जरूरत क्यों पड़ रही है? इसे लेकर सवालिया निशान उठने लगे हैं  जेल में नए बैरक का निर्माण जनवरी 2017 में पीडब्ल्यूडी के मार्फत सरकार को भेजा गया था।  इस प्रस्ताव पर सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने भी अपनी सहमति कुछ समय पहले दी है। 8 नए बैरक बनने के बाद सेंट्रल जेल में बैरक की संख्या 31 हो जाएगी। दूसरी आेर सेंट्रल जेल को शहर के बाहर मौदा क्षेत्र में स्थानांतरित करने की घोषणा कुछ माह पहले केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी कर चुके हैं। वहीं पिछले साल से चल रहे जेल में निर्माणाधीन दो और बैरक का कार्य अंतिम चरण में है।

मौजूदा जेल की जगह टर्मिनल हब बनाने की योजना है
 केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की थी कि, नागपुर सेंट्रल जेल को शहर से बाहर स्थानांतरित कर उस जगह पर बस टर्मिनल हब बनाया जाएगा। जेल को मौदा स्थानांतरित करने की बात उन्होंने कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि, इसके लिए जल्द ही जगह का चुनाव कर प्रकिया को पूरा किया जाएगा। सवाल यह है कि जब जेल शहर अन्यत्र स्थानांतरित की जानी है तो  करोड़ों के फिजूलखर्च का औचित्य क्या है?

किस कार्य के लिए कितना हो रहा खर्च
जेल के फांसी यार्ड के हैंडिंग सेट पर चारों ओर से जालियां लगाने के लिए - 21 लाख रुपए की निधि मंजूर
जेल में कैदियों से मिलने आने वालों के लिए 6 नए मुलाकात कक्ष के लिए - 10 लाख रुपए की निधि मंजूर
जेल की महिला अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रसाधनगृह के लfए 14 लाख 64 हजार रुपए की निधि मंजूर
जेल में 4 नए आधुनिक वॉच टावर बनाने के लिए - 75 लाख रुपए का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है

फांसी यार्ड के चारों ओर लग रही लोहे की जालियां
नागपुर के सेंट्रल जेल को भले स्थानांतरित किए जाने की बात केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी कर चुके हैं, लेकिन जेल में नए निर्माणकार्यों का सिलसिला शुरू हो चुका है। जेल में जहां 4 नए आधुनिक वॉच टावर बनाने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है, वहीं डीपीडीसी ने जेल महिला अधिकारियों के लिए प्रसाधनगृह के निर्माण के लिए 14 लाख 64 हजार रुपए की निधि मंंजूर कर दिया है। इस निधि में से जेल प्रशासन ने करीब 10 लाख रुपए की निधि सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को दे चुका है, लेकिन अभी तक महिला प्रसाधनगृह का निर्माणकार्य का शुभारंभ तक नहीं किया गया है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है िक इसके निर्माणकार्य के लिए दो बार टेंडर निकाले जा चुके हैं। अगले टेंडर को निकालने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसे जल्द ही निकाला जाएगा। इसके साथ ही कैदियों से मिलने आने वाले उनके परिजनों के लिए 6 नए मुलाकात कक्ष बनाए जा रहे हैं। जेल में पहले के बने 9 मुलाकात कक्ष कम पड़ने के कारण नए मुलाकात कक्ष बनाने का निर्णय जेल प्रशासन ने लिया है। इसके निर्माणकार्य का शुभारंभ हो चुका है। इसके अलावा जेल में हैंगिंग सेट (फांसी यार्ड) पर चारों ओर लोहे की जालियां लगाई जाने वाली हैं।

निर्माण के लिए दिया तर्क- कैदियों को रखने में आसानी होेगी
मौजूदा समय में सेंट्रल जेल में एक बैरक में 100 से अधिक कैदी रखने से जेल प्रशासन को उन पर निगरानी रखने में परेशानी होती है। बैरक में कैदियों की संख्या कम होने पर आसानी से हर कैदी पर नजर रखी जा सकेगी। जेल अधीक्षक रानी भोसले का कहना है कि, उनके जेल अधीक्षक का पदभार संभालने के पहले ही यह प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जा चुका था। प्रस्ताव मंजूर होने के बाद जेल प्रशासन आगे की प्रक्रिया पूरी करना शुरू कर देगा। सेंट्रल जेल में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तत्कालीन अधीक्षक ने जेल में नए बैरक बनाने का प्रस्ताव तैयार कर पीडब्ल्यूडी के मार्फत सरकार को भेजा। प्रस्ताव में जेल में 8 नए बैरक बनाने की मांग की गई है। सूत्रों का कहना है िक मौजूदा समय में करीब 2,500 कैदियों के रखने का इंतजाम सेंट्रल जेल में है। जेल के भीतर निर्माणाधीन दो मंजिला दो नए बैरक का कार्य अंतिम चरण में है। नए बैरक  बनने से यहां 200 से अधिक कैदी यहां रखे जा सकेंगे। संभवत: अप्रैल-मई तक इस  बैरक का उद्घाटन होगा।

हां, भेजा गया है प्रस्ताव
हां, जेल में 8 नए बैरक बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। यह प्रस्ताव जेल अधीक्षक का पदभार संभालने से पहले ही भेजा जा चुका था। इस बारे में मुझे इससे  ज्यादा जानकारी नहीं है।  
-रानी भोसले, अधीक्षक, सेंट्रल जेल, नागपुर 
 

Created On :   24 March 2018 12:25 PM GMT

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