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विरोध से बचने के लिए नया फॉर्मूला, दिया जाएगा प्रशिक्षण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद की आमसभा में विरोध से बचने के लिए आक्रामक सदस्यों की 4 न के प्रशिक्षण के लिए रवानगी का नया फार्मूला अपनाया गया है। विपक्ष भाजपा के सर्वाधिक 8 सदस्य, कांग्रेस के 3 और राकांपा के 1 सदस्य का समावेश है। दरअसल 20 अगस्त को जिला परिषद की आमसभा है। बता दें कि जिला परिषद में कांग्रेस की एकतरफा सत्ता है।
डेढ़ वर्ष बाद प्रशिक्षण
जिला परिषद चुने जाने पर सदस्यों को सदन के कामकाज की जानकारी देने प्रशिक्षण दिया जाता है। जनप्रतिनिधि के नाते जिला परिषद की बैठकों में जनसमस्या उपस्थित करने की प्रक्रिया पर मार्गदर्शन किया जाता है। पुणे स्थित यशदा संस्था प्रशिक्षण देती है। जिला परिषद चुनाव हुए डेढ़ वर्ष से अधिक हो चुका है। इस कालावधि में प्रत्यक्ष कामकाज में सहभागी होकर सदस्य प्रशिक्षित हो चुके हैं। प्रशिक्षित सदस्यों के प्रशिक्षण पर बेवजह खर्च करना समझ से परे है।
सत्तापक्ष ने चली चाल
प्रशिक्षण के लिए विपक्ष के सदस्यों को पुणे भेजने के पीछे सत्तापक्ष की चाल मानी जा रही है। जिला परिषद के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के विकास की विविध योजनाएं चलाई जाती हैं। सत्तापक्ष योजनाओं पर अमल करने में नाकाम रहा है। अनेक योजनाएं कागजों पर सिमट कर रह गई हैं। नागरिकों को योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ नहीं मिलने से विपक्ष आक्रामक है। आमसभा में सत्तापक्ष और प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर सकता है। सदन में विपक्ष के आक्रामक भूमिका लेने पर पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ सकते हैं। इससे बचने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर विपक्ष के सदस्यों की प्रशिक्षण के लिए पुणे रवानगी किए जाने की जिला परिषद के गलियारे में चर्चा है।
Created On :   20 Aug 2021 4:04 PM IST