एक विवाह ऐसा भी: न गिफ्ट, न लिफाफा, इन्विटेशन भी डिजिटल

new initiative for marriage reception in Nagpur by Punjabi society
एक विवाह ऐसा भी: न गिफ्ट, न लिफाफा, इन्विटेशन भी डिजिटल
एक विवाह ऐसा भी: न गिफ्ट, न लिफाफा, इन्विटेशन भी डिजिटल

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  डिजिटल दौर में हर बात डिजिटल होती जा रही है। बावजूद इसके विवाह जैसे समारोह के लिए आज भी मान-सम्मान का रिवाज रहा है।  हमारे समाज में विवाह समारोह में रीति-रिवाजों का हवाला देते हुए लाखों रुपए बहा दिए जाते हैं। विवाह की शुरुआत  करनी हो तो सबसे पहले कार्ड  छपवाने की बात सबसे पहले की जाती है। इस संबंध में नागपुर में पंजाबी समाज ने नई पहल की। इसकी शुरुआत मदान और पुन्यानी परिवार से हुई। वैवाहिक कार्यक्रम में निमंत्रण हेतु वाट्सएप, मैसेज और फोन का उपयोग किया गया। यहां तक कि दोनों पक्षों द्वारा कोई उपहार, लिफाफा अथवा पुष्पगुच्छ भी स्वीकार नहीं किया गया।  

दोनों परिवारों के प्रयास सराहनीय: महासंघ ने इस समयोचित पहल हेतु दोनों परिवारों का अभिनंदन किया है। साथ ही तमाम संस्थाओं से अपील की है कि लोगों को इसका महत्व समझाएं और कार्ड छपवाना बंद करवाएं।

लंबी चर्चा हुई थी : बता दें कि पंजाबी समाज ने वैवाहिक पत्रिकाओं को  छपवाना बंद करने पर जोर दिया है, ताकि पैसा और समय की बचत के साथ ही पर्यावरण की रक्षा की जा सके। राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ की ओर से राजस्थान के अलवर में आयोजित पंजाबी महासम्मेलन में इस संदर्भ में चर्चा हुई थी। महासंघ के राष्ट्रीय सचिव नरेंद्र सतीजा ने बताया कि आयोजन में देशभर से सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। चर्चासत्र में वैवाहिक आयोजन हेतु छपाई जाने वाली निमंत्रण पत्रिका पर लंबी चर्चा हुई।

सभी ने माना डिजिटल प्रयास होना ही चाहिए
वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि आज के डिजिटल दौर में इसका कोई औचित्य नहीं रह गया है। समय और पैसों की बचत के साथ-साथ तमाम परेशानियों से बचने हेतु इसे बंद करना जरूरी है। पेपरलेस अभियान एवं पर्यावरण की रक्षा के मद्देनजर भी यह महत्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि हैदराबाद के पंजाबी समाज ने काफी समय पहले से पत्रिका छपवाना बंद कर दिया है। 

Created On :   21 Feb 2018 12:43 PM IST

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