नई भू-राजस्व संहिता लागू, अब नगरीय क्षेत्रों के गांव कहलाएंगे सेक्टर

New Land Revenue Code Applicable in mp now village will be called Sector
नई भू-राजस्व संहिता लागू, अब नगरीय क्षेत्रों के गांव कहलाएंगे सेक्टर
नई भू-राजस्व संहिता लागू, अब नगरीय क्षेत्रों के गांव कहलाएंगे सेक्टर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। 59 साल पहले वर्ष 1959 में बनी मप्र भू-राजस्व संहिता में आमूच-चूल परिवर्तन कर बनाई गई नई संशोधित भू-राजस्व संहिता मंगलवार 25 सितम्बर से प्रभावशील हो गया। इसमें खास बात यह है कि अब नगरीय क्षेत्रों में आने वाले गांवों को सेक्टर कहा जायेगा जिसे जिला कलेक्टर नंबर प्रदान करेंगे तथा इन्हीं नंबरों से ये सेक्टर पहचाने जायेंगे। जबकि नगरेत्तर क्षेत्र के गांवों को गांव ही कहा जायेगा।

इसी प्रकार, अब राजस्व सर्वे का काम जिला कलेक्टरों द्वारा किया जायेगा जो पहले बंदोबस्त अधिकारी द्वारा किया जाता था। इसके अलावा अब भूमि धारक एक साथ दस वर्षों का भू-राजस्व जमा कर सकेंगे तथा उन्हें हर साल भू-राजस्व जमा कराने की झंझट से मुक्ति मिल जायेगी।

फसलों के नुकसान पर भू-राजस्व की माफी या उसके निलंबन के लिये अब राज्य सरकार को प्राधिकृत किया गया है। पहले जिला कलेक्टर के प्रस्ताव पर संभागायुक्त इस संबंध में निर्णय लेते थे। कृषि भूमि को आवास, व्यवसायिक या उद्योग के लिये डायवर्ट करने के लिये अब कोई अनुज्ञा नहीं लगेगी तथा व्यक्ति स्वयं भू-राजस्व का निर्धारित तालिका के अनुसार निर्धारण कर उसे शासकीय कोष में जमा करेगा और इसकी सूचना उपखण्ड अधिकारी को देगा और उसकी भूमि का डायवर्सन हो जायेगा।

नई भू-राजस्व संहिता में यह भी प्रावधान किया गया है कि नगरीय एवं नगरेत्तर क्षेत्रों में अधिकार अभिलेख पृथक से तैयार किये जायेंगे और समस्त भूमिस्वामियों, सरकारी पट्टेदारों एवं आबादी में निवासरत व्यक्तियों के अधिकार ऐसे अभिलेखों में अभिलिखित किये जायेंगे।

ये तीन नये नियम भी लागू
राज्य सरकार ने तीन नये नियमों को भी मंगलवार से प्रभावशील किया गया है। इनमें शामिल हैं : मप्र भू-राजस्व संहिता अनुचित रुप से बेकब्जा किये गये भूमिस्वामी का पुनस्र्थापन नियम 2018, मप्र भू-राजस्व संहिता संभागों, जिलों, उपखण्डों तथा तहसीलों के परिवर्तन, सृजन तथा समाप्ति नियम 2018 तथा मप्र भू-राजस्व संहिता भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निधारण नियम 2018।

ये दो नियम 5 अक्टूबर के बाद लागू होंगे
राज्य सरकार दो अन्य नियमों को 5 अक्टूबर 2018 के बाद प्रभावशील करेगा। ये दो नियम मप्र भू-राजस्व संहिता सीमांकन नियम 2018 तथा मप्र भू-राजस्व संहिता भू-अभिलेख में नामांतरण नियम 2018 हैं।

राज्य भूमि सुधार आयोग भोपाल के सचिव अशोक गुप्ता ने मामले में कहा, ‘राज्य भूमि सुधार आयोग ने भू-राजस्व संहिता में संशोधन का प्रस्ताव दिया था। आयोग को इसमें संशोधन के करीब सत्रह सौ सुझाव मिले थे। नये संशोधन 25 सितम्बर 2018 से प्रभावशील किये गये हैं।’

Created On :   25 Sept 2018 7:17 PM IST

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