उपभोक्ता फोरम में नियुक्ति के नए नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती

New rules for appointment in Consumer Forum challenged in High Court
उपभोक्ता फोरम में नियुक्ति के नए नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती
उपभोक्ता फोरम में नियुक्ति के नए नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  प्रदेश और जिला उपभोक्ता फोरम पर बतौर सदस्य (जज) नियुक्ति के लिए जारी नए नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है। एड. महेंद्र लिमये ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत गठित नए नियमों को चुनौती दी है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर व एड. रोहन मालवीय ने पक्ष रखा।

सर्वोच्च न्यायालय के अादेश का उल्लंघन
याचिकाकर्ता के अनुसार वर्ष 2014 में मद्रास बार एसोसिएशन विरुद्ध भारत सरकार में सर्वोच्च न्यायालय ने साफ कहा था कि केवल कानून की विधिवत जानकारी वाले उम्मीदवार ही ट्रिब्यूनलों में बतौर सदस्य नियुक्ति के लिए पात्र हैं, साथ ही 10 वर्ष से अधिक के अनुभव वाले वकीलों को भी सर्वोच्च न्यायालय ने पात्र बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन नए नियमों में ठीक उलटा किया गया है। नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के पास कॉमर्स, शिक्षा, इकोनॉमिक्स, बिजनेस, लॉ, एडमिनिस्ट्रेशन फील्ड में कम से कम 20 वर्ष के अनुभव की शर्त रखी गई है। कानून की डिग्री या अनुभव भी जरूरी नहीं किया गया है। इससे यह हो रहा है कि 20 वर्ष से कम अनुभव वाले वकील फोरम पर बतौर सदस्य नियुक्ति के लिए अपात्र हो गए हैं। जबकि यही वकील अदालत में जज बनने के पात्र हैं। दूसरा यह कि कोई भी सामान्य व्यक्ति बगैर लॉ डिग्री के फारेम का सदस्य, जो एक जज के समकक्ष है, बन सकता है।


 
 

Created On :   18 March 2021 2:16 PM IST

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