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मौसमी बीमारियों बन गई आफत, अस्पताल से नहीं मिल रहीं दवाइयां- रोज पहुंच रहे हजारों मरीज

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। एक ओर संक्रमक बीमारियां आम आदमी के लिए मुसीबत बनी हुई हैं तो दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में दवाइयों के अभाव के कारण लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के वश में नहीं है कि वे बाजार से मंहगी दवाएं खरीद सकें। विवश होकर उन्हें नीम हकीमों की शरण या फिर दवा विक्रेताओं द्वारा दी जाने वाली अनाप शनाप दवाइयों के भरोसे रहना पड़ रहा है। मौसमी बीमारियों के मरीजों में हर रोज इजाफा हो रहा है। ओपीडी में सर्दी-खांसी और तेज बुखार से पीडि़त लगभग एक हजार मरीज इलाज कराने पहुंच रहे है। जांच के बाद ओपीडी पर्ची पर लिखी जा रही अधिकांश दवाएं अस्पताल में मौजूद नहीं है। खासतौर पर सर्दी-खांसी के लिए दी जाने वाली एंटी बायोटिक दवा अजिथ्रोमाइसिन जैसी अन्य दवाएं अस्पताल में खत्म हुए लम्बा समय बीत गया है। इसके अलावा शरीर में खुजली के लिए जरुरी दवा सिट्राजिन (एंटी एलर्जी) भी अस्पताल में नहीं है। ओपीडी स्थित दवा वितरण केंद्र से बिना दवा दिए मरीजों को वापस लौटाया जा रहा है। दवा वितरण केंद्र के कर्मचारियों द्वारा स्टोर में कई बार दवाओं की उपलब्धता के लिए पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन दवाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है।
हार्ट के मरीज भी परेशान-
जिला अस्पताल में आने वाले हार्ट के मरीजों को भी दवाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इन मरीजों की ओपीडी पर्ची पर लिखी जा रही एस्प्रिन जैसी दवाएं अस्पताल में नहीं है। दवाओं की कमी की वजह से मरीजों को बाजार से दवाएं लेनी पड़ रही है।
गर्भवती के लिए नहीं है आयरन की दवा
गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली आयरन की दवा भी अस्पताल में नहीं है। बताया जा रहा है कि आयरन की दवा के लिए रोजाना दर्जनों गर्भवती महिलाएं परेशान होती है। मजबूरी मेें इन गर्भवती महिलाओं को भी बाजार से दवा खरीदनी पड़ रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
औषधि वितरण केंद्र में जिन दवाओं की कमी है, इसकी जानकारी ली जाएगी। भोपालस्तर पर सूचना देकर खरीदी कराई जाएगी। -डॉ. सुशील दुबे, आरएमओ, जिला अस्पताल
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Created On :   4 Oct 2018 1:35 PM IST