इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ NIA ने फाइल की चार्जशीट

NIA filed a charge sheet against controversial Islamist Zakir Naik
इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ NIA ने फाइल की चार्जशीट
इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ NIA ने फाइल की चार्जशीट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने गुरूवार को विवादित इस्लाम प्रचारक जाकिर नाईक के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की है। चार्जशीट में दावा किया गया कि नाईक ने अपने भाषणों और बयानों से भिन्न समुदायों के बीच नफरत, धर्मपरिवर्तन और हिंसा को बढ़ावा दिया था। नाईक पर अज्ञात स्त्रोतों से मिली राशि का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपए संपत्ति खरीदने का भी आरोप है। 65 पन्नो की चार्जशीट में दावा किया गया कि नाईक ने अपने भाषणों के जरिए हिंदू, ईसाई के साथ वहाबी विचारधारा को न मानने वाले मुसलमानों के बारे में आपत्तिजनक बातें की और उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। शिया, सूफी और बरेलवी विचारधारा को मानने वाले मुसलमानों के बारे में भी नाईक ने कई ऐसी बातें कहीं जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं। 

चार्जशीट में 1000 पन्नो के दस्तावेज जोड़े

चार्जशीट में 1000 पन्नो के दस्तावेज भी जोड़े गए हैं। जिनमें 80 लोगों के बयान दर्ज हैं। नाईक उस वक्त विवादों में फंसा था जब ढाका में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के उसके भाषणों से प्रभावित होने की बात सामने आई। इसके बाद पिछले साल जुलाई महीने में वह देश से फरार हो गया। चार्ज शीट के मुताबिक नाईक ने अपने भाषणों के जरिए युवाओं को आतंकवाद के लिए उकसाया। NIA ने पिछले साल नवंबर में FIR दर्ज की थी। इसके अलावा उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन IRF और पीस टीवी चलाने वाली हार्मोनी मीडिया प्रायवेट लिमिडेट पर भी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगे हैं। चार्ज शीट में एनआईए ने दावा किया कि उसके पास नाईक के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। जांच एजेंसी ने नाईक के भाषणों का वीडियो इकठ्ठा किया है।

मामले में हुए खुलासे

NIA की जांच में साफ हुआ कि नाईक के आईआरएफ एजुकेशनल ट्रस्ट को देश विदेश से बड़े पैमाने पर पैसे मिले। लेकिन पैसे देने वालों के नाम दर्ज करने कि बजाय उन्हें सिर्फ शुभचिंतक के तौर पर दिखाया गया। जांच में यह भी पता चला कि 2013 में नाईक अनिवासी भारतीय बन गया। इसके बाद उसने अपनी बहन नाइला नौसाद नूरानी को हार्मनी मीडिया और लांगलास्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी का निदेशक बना दिया। लेकिन वह सिर्फ कागजों पर कंपनियों की निदेशक थी और नाईक के निर्देश पर ही वह किसी चेक पर हस्ताक्षर करती थी। 

बहन के जरिए किया फर्जीवाड़ा

जांच में खुलासा हुआ कि नाईक ने 2013 से 2016 के बीच विभिन्न खातों के जरिए अपनी बहन नूरानी को 29 करोड़ रुपए भेजे जो इन दो कंपनियों में लगाए गए। एनआईए को नाईक की 19 अचल संपत्तियों के बारे में भी पता चला है इनमें से 104 करोड़ रूपए की जमीन और इमारत भी है। फिलहाल इस बात का पता लगाया जा रहा है कि संपत्तियां कैसे हासिल की गई।

Created On :   26 Oct 2017 8:10 PM IST

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