NIA की टीम सचिन वाजे को मीठी नदी लेकर पहुंची, नंबर प्लेट, हार्ड डिस्क, डीवीआर समेत अहम सबूत बरामद

NIA takes Sachin Waze to Bandra river; recovers CPUs, laptop, number plates
NIA की टीम सचिन वाजे को मीठी नदी लेकर पहुंची, नंबर प्लेट, हार्ड डिस्क, डीवीआर समेत अहम सबूत बरामद
NIA की टीम सचिन वाजे को मीठी नदी लेकर पहुंची, नंबर प्लेट, हार्ड डिस्क, डीवीआर समेत अहम सबूत बरामद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिजनेसमैन मनसुख हिरन की हत्या की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को मुंबई के बांद्रा में मीठी नदी से महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए। एजेंसी ने बताया कि गोताखोरों ने एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर की कई नंबर प्लेट, दो सीपीयू, एक लैपटॉप और सीसीटीवी डीवीआर बरामद की है। एनआईए नदी के ऊपर बने पुल पर गिरफ्तार पुलिसकर्मी सचिन वाझे को लेकर गई थी जिसकी निशानदेही पर ये सामान बरामद किया गया है।

बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी स्कार्पियो मिली थी। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में अब तक जो भी कुछ सामने आया है उससे पता चलता है कि पूरे मामले की साजिश पुलिस मुख्यालय और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वाझे के ठाणे स्थित घर पर रची गई थी। पुलिस मुख्यालय में स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का पहले से ही आना-जाना था। इस केस में वाझे की भूमिका सामने आने के बाद उसे एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में मुंबई के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह का भी तबादला कर दिया गया। इससे पहले मनसुख हिरेन का शव मुंबई के ही मुंब्रा स्थित रेतीबंदर की खाड़ी से बरामद हुआ था।


वाझे की निशानदेही के बाद गोताखोरों की मदद से बरामदगी

वाझे ने पूछताछ के दौरान एनआईए को बताया कि सबूत मिटाने के इरादे से उसने खुद यह सामान फेंका था। सामान फेंकने से पहले उसने इससे डेटा भी डिलीट कर दिया था। अगर एनआईए बरामद गैजट से दोबारा डेटा हासिल करने में कामयाब हुई, तो वाझे और दूसरे आरोपियों के खिलाफ उसे बड़ा सबूत मिल सकता है। बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी जिस स्कॉर्पियो कार मेंं जिलेटिन की छड़े और धमकी भरा पत्र  मिला था वह मनसुख हिरेन नाम के कारोबारी की थी। पांच मार्च को मुंब्रा की खाड़ी में हिरेन का शव मिला था।

रियाजुद्दीन काजी का सीसीटीवी फुटेज आया सामने

मामले में सरकारी गवाह बन चुके एपीआई रियाजुद्दीन काजी का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें वह नंबर प्लेट बनाने वाली दुकान में दाखिल होता नजर आ रहा है। मुंबई के विक्रोली इलाके में स्थित बंटी रेडियम नाम की दुकान के मालिक से बात करने के बाद काजी यहां से डीवीआर और कंप्यूटर ले जाते नजर आया। शक है कि काजी ने ही वाझे के कहने पर फर्जी नंबर प्लेट बनवाई थी और बाद में इससे जुड़े सबूत नष्ट कर दिए थे।

वार वालों से पूछताछ

सचिन वाझे पर बार, पब और होटल मालिकों से वसूली का भी आरोप है। इसकी पुष्टि के लिए एनआईए उन बार वालों से पूछताछ कर रही है जो वाझे के संपर्क में थे। एनआईए कई बार वालों से अब तक पूछताछ कर चुकी है। बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख मुंबई के बारों और दूसरे संस्थानों से वाझे के जरिए 100 करोड़ रुपए की वसूली करवा रहे थे। हालांकि देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है।  
 

Created On :   28 March 2021 1:29 PM GMT

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