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सड़क मार्ग से होगी चारधाम यात्रा, मानसरोवर भी जा सकेंगे-गडकरी
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। चारधाम की यात्रा अब सड़क मार्ग से पूरी की जा सकेगी। साथ मानसरोवर यात्रा भी की जा सकेगी। यह जानकारी भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने देते हुए कहा है कि देश में सड़क विकास के साथ ही धार्मिक क्षेत्र विकास के मामले पर जोर दिया गया है। चारों धाम की यात्रा सड़क मार्ग से होगी। मानसरोवर यात्रा भी सड़क मार्ग से ही करने के कार्य को 70 प्रतिशत तक पूरा किया जा चुका है। युवाओं को रोजगार की दिशा में भी काम हो रहा है। शनिवार को दक्षिण पश्चिम नागपुर मंडल के पेज प्रमुख सम्मेलन में मुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में गडकरी बोल रहे थे। शहर विकास के मामले पर उन्होंने कहा कि साढ़े चार वर्ष में तेजी से विकास कार्य हुए हैं। रामझूला निर्माण किया गया है। विवेकानंद स्मारक, सिम्बोसिस, मेट्रो प्रकल्प के काम किए गए हैं। मिहान में 23000 युवाओं को रोजगार दिलाया गया है। 28 हजार को जल्द रोजगार दिलाया जाएगा। शहर में उच्च शिक्षा संस्थान लाए गए हैं। सिम्बोसिस में नागपुर निवासी को 15 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विकास की अब जो गति है, वह कभी नहीं थी।
यह थे उपस्थित
सम्मेलन में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, राज्यसभा सदस्य डॉ. विकास महात्मे, पूर्व सांसद दत्ता मेघे, विधायक सुधाकर कोहले, विधायक मिलिंद माने, महापौर नंदा जिचकार, उपमहापौर दीपराज पार्डीकर, रमेश भण्डारी, राजू हड़प, किशोर पलांदुरकर, मुन्ना यादव, किशोर वानखेड़े, गिरीश देशमुख, आशीष पाठक, सचिन, सुमिल मित्रा, भोजराज डुम्बे उपस्थित थे।
कश्मीरी विद्यार्थियों के सुरक्षा के यूजीसी ने दिए आदेश
पुलवामा में वीर सैनिकों पर हुए कायराना हमले के बाद कश्मीरी आवाम के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है। हाल ही में विदर्भ के यवतमाल समेत देश के अन्य कई हिस्सों में पढ़ रहे कश्मीरी विद्यार्थियों पर हमले की घटनाएं सामने आईं हैं। लिहाजा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की चिंता बढ़ गई है। यूजीसी ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत देश भर के तमाम विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं को पत्र लिख कर अपने यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों की कैंपस में और कैंपस के बाहर सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
यूजीसी ने कुलगुरु से व्यक्तिगत तौर पर कश्मीरी विद्यार्थियों का ध्यान रखने को कहा है। उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए विश्वविद्यालयों को पुलिस बल की भी मदद लेने की छूट दी है। बता दें कि कश्मीर में बिगड़े हालातों से तनाव बढ़ा हुआ है। एक गुस्साया वर्ग है, जो कश्मीरी आवाम पर आक्रोश निकाल रहा है। परिणामस्वरूप प्रशासकीय संस्थाओं को इस प्रकार के आदेश जारी करने पड़ रहे हैं। पुलवामा हादसे के बाद स्वयं सीआरपीएफ ने देशवासियों से कश्मीरी विद्यार्थियों और आवाम के प्रति कोई हिंसा न करने की अपील की थी, साथ ही सीआरपीएफ ने उनकी मदद के लिए अपने दरवाजे खोल दिए थे। स्थिति बिगड़ती देख यूजीसी को भी इस दिशा में यह सूचना जारी करनी पड़ी है।
Created On :   25 Feb 2019 10:37 AM IST