नागपुर लोकसभा सीट पर हो सकता है नितिन वर्सेस नितिन मुकाबला

Nitin Raut wants to contest Lok Sabha election against Nitin Gadkari
नागपुर लोकसभा सीट पर हो सकता है नितिन वर्सेस नितिन मुकाबला
नागपुर लोकसभा सीट पर हो सकता है नितिन वर्सेस नितिन मुकाबला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के विरोध में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे कांग्रेस एससी सेल के अध्यक्ष डॉ. नितिन राऊत ने कहा है कि उन्हें नितिन वर्सेस नितिन का मुकाबला मंजूर है। उनकी इच्छा भी है कि वे नागपुर से ही लोकसभा चुनाव लड़ें। अपनी इच्छा को वे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने व्यक्त भी करेंगे। चुनाव तैयारी के सिलसिल में उन्होंने कहा कि देश में दलित बाहुल्य 125 सीटों पर कांग्रेस एससी सेल विशेष फोकस कर रहा है। 3 माह में चुनाव तैयारी के तहत विविध संगठनात्मक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

बुधवार को दैनिक भास्कर कार्यालय में संपादकीय सहयोगियों से चर्चा में डॉ.राऊत ने विविध विषयों पर विचार साझा किए। राजनीति में दलित नेतृत्व बढ़ाने का आव्हान करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने दलितों के नाम पर केवल राजनीति की है। दलित प्रतिनिधि को सत्ता में भागीदारी नहीं दी है। दलित समुदाय से एक या दो मंत्री ही पर्याप्त नहीं है। दलितों के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव परिणाम का निर्णय गैर दलितों के मतदान पर निर्भर रहता है। सभी स्थितियों को समझते हुए दलित प्रतिनिधियों ने खुले वर्ग की सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी रखना चाहिए।

डॉ. नितिन राऊत ने कहा, 1998 में राज्य में लोकसभा की 4 सीटों से आरपीआई उम्मीदवार चुनाव जीते थे। सभी सीटें ओपन वर्ग की थी। उस स्थिति को ध्यान में रखते हुए दलित जनप्रतिनिधियों को खुले वर्ग की सीटों से उम्मीदवार बनाने की दिशा में भी अधिक काम होना चाहिए। एक प्रश्न पर उन्होंने साफ कहा कि लोकसभा के लिए आरक्षित वर्ग की रामटेक सीट के बजाय नागपुर में खुले वर्ग की सीट से वे चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। गठबंधन को लेकर बसपा व भारिप बहुजन महासंघ की भूमिका पर उन्होंने कहा कि दोनों दल का अतीत कांग्रेस को मालूम है। फिर भी राजनीतिक लिहाज से दोनों से गठबंधन का पूरा प्रयास है। मायावती व प्रकाश आंबेडकर ने साफ करना चाहिए कि वे भाजपा के विरोध में है या नहीं।

एट्रोसिटी एक्ट को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह एक्ट बनवाया था। उसके संरक्षण के लिए कांग्रेस काम भी कर रही है। एट्रोसिटी को लेकर सड़क पर हुए आंदोलन में कांग्रेस का साथ रहा। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बनी स्थिति के दौरान केंद्र सरकार व भाजपा की भूमिका सबने देखी है। सरकार ने उस दौरान फैसले को लेकर केबिनेट की बैठक तक नहीं ली थी। देश में भाजपा विरोधी माहौल बन रहा है। उत्तरप्रदेश में जनता ने भाजपा का विरोध किया, इसलिए बसपा -सपा को साथ आना पड़ा। लोकसभा चुनाव में कुछ स्थानों पर कांग्रेस अन्य दलों के विनिंग कैंडिडेट को साथ देने को तैयार रहेगी।

पटेल, गुजर व मराठा आरक्षण जैसे विषयों पर उनका कहना है कि आरक्षित वर्गों के आरक्षण में कटौती नहीं करते हुए उचित आरक्षण दिया जाना चाहिए। ओबीसी आरक्षण के संरक्षण का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। डॉ.राऊत ने माना कि राज्य में भीमा कोरेगांव प्रकरण के बाद सरकार को जवाब देने के मामले में कांग्रेस में संगठनात्मक कमजोरी रही। राज्य सरकार सभी मामलों में विफल साबित हुई है।चर्चा के दौरान युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष कुणाल राऊत उपस्थित थे।

जनसुनवाई से तैयार होगा घोषणापत्र

कांग्रेस एससी सेल लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र तैयार कर रहा है। इसके लिए कमेटी बनायी गई है। घोषणापत्र को लेकर जनसुनवाई की जायेगी। राज्य स्तर पर 5 से 6 स्थानों पर यह आयोजन होगा। नागपुर में भी जनसुनवाई कार्यक्रम होगा। भाजपा के दलित विरोधी कार्य व कांग्रेस के दलितों के हित में किए गए कार्यों व निर्णयों के बारे में व्यापक जनजागरण अभियान चलेगा। सेव कांस्टीट्यूशन, सेव नेशन के नारे के साथ गांव शहर में बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा तक रैली पहुंचेगी। सम्मान सभा का आयोजना होगा। दलित सम्मान कार्यक्रम में महिलाओं की भी भागीदारी रहेगी। 

Created On :   10 Oct 2018 7:32 PM GMT

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