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NMRDA का अनाधिकृत निर्माणकार्य करने वाले 1282 लोगों को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) ने उसके क्षेत्र अंतर्गत अनाधिकृत निर्माणकार्य करने वाले 1282 लोगों को नोटिस जारी कर 28 दिन में खुद अपना निर्माणकार्य तोड़ने की चेतावनी दी है। 28 दिन में वे अपना अनधिकृत निर्माणकार्य नहीं तोड़ते हैं, तो संबंधित संस्था इनके निर्माणकार्य खुद तोड़ेगी। एनएमआरडीए ने इस संबंध में समाचार पत्रों में 7 पृष्ठों का विज्ञापन जारी किया है। विज्ञापन में अनधिकृत निर्माणकार्य करने वालों के नाम और पते दिए गए हैं। इस नोटिस से संबंधितों में हड़कंप मच गया है।
कुछ लोग जमा कर चुके हैं शुल्क
गौरतलब है कि साल भर पहले राज्य सरकार ने अनधिकृत निर्माणकार्यों को नियमित करने के लिए प्रशमन योजना (कम्पाउंडिंग स्कीम) लागू की थी। योजना अंतर्गत अनधिकृत निर्माणकार्य वाले निर्धारित शुल्क अदा कर अपना निर्माणकार्य नियमित कर सकते थे। इसके लिए एनएमआरडीए, एनआईटी और मनपा ने लोगों से आवेदन भी मंगवाए थे। पिछले दिनों इसकी समय-सीमा भी बढ़ाई गई थी। योजना अंतर्गत एनएमआरडीए में 11 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था, जबकि एनआईटी को 540 और मनपा को 363 आवेदन योजना अंतर्गत प्राप्त हुए थे। कई लोगों ने इसे लेकर संबंधित संस्थाओं में निर्धारित शुल्क अनुसार पैसा भी जमा किया था। इस बीच उक्त योजना को मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
तोड़े जाएंगे निर्माणकार्य
अनधिकृत निर्माणकार्य के संबंध में जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन सभी के निर्माणकार्य तोड़े जाएंगे।
सुनील गुज्जलवार, अधीक्षक अभियंता, एनएमआरडीए
सरकार सुप्रीम कोर्ट में देगी चुनौती
याचिका पर सुनवाई करते हुए 4 नवंबर 2018 को मुंबई हाईकोर्ट ने प्रशमन योजना को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को तगड़ा झटका लगा है। सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। तब तक मुंबई हाईकोर्ट का निर्णय लागू रहेगा। ऐसे में एनएमआरडीए ने अनधिकृत निर्माणकार्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। अनधिकृत निर्माणकार्य करने वाले 1282 लोगों को एनएमआरडीए ने नोटिस जारी किया है। नोटिस अनुसार इन्हें 28 दिन की मोहलत दी गई है। 28 दिन में संबंधित अपना अनधिकृत निर्माणकार्य नहीं तोड़ते हैं, तो संस्था खुद उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
एक साल से चल रही थी नियमितीकरण की कोशिश
अनधिकृत निर्माणकार्य को नियमित करने के लिए पिछले एक साल से राज्य सरकार प्रशमन योजना चला रही है। योजना अंतर्गत एनएमआरडीए, एनआईटी और मनपा में 11903 लोगों ने आवेदन किए अर्थात 11 हजार से अधिक लोगों ने अनधिकृत निर्माणकार्य कर रखा है। इन्होंने विधिवत आवेदन कर संबंधित संस्थाओं में निर्धारित शुल्क का भुगतान भी किया है। मुंबई हाईकोर्ट द्वारा प्रशमन शुल्क योजना रद्द करने से अब इन लोगों पर संकट मंडरा रहा है। फिलहाल एनएमआरडीए तय नहीं कर पाई है कि इन्हें शुल्क लौटाए या अपने पास रखे।
Created On :   29 Nov 2018 10:48 AM IST