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पैदल जा रहे प्रवासियों के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाईः देशमुख
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि पैदल और दूसरे साधनों से अपने घर वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को रोका नही जाएगा और मानवीय आधार पर लॉकडाउन के उल्लंघन के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि उन्होंने प्रवासी मजदूरों की इस हालत का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा और कहा कि अगर राज्य सरकार की मांग पर रेल सेवाएं पहले शुरू कर दी गईं होती तो मजदूरों को इतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अपने घरों के लिए पैदल निकल गए हैं वे लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन हम उन्हें मानवीय आधार पर जाने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हजारों प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घरों को लौटने को लेकर बेचैन हैं और सरकार ने भी लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के बावजूद मानवीय आधार पर उन्हें ना रोकने का निर्णय किया है। देशमुख ने कहा कि राज्य सरकार की मांग पर रेल सेवाएं पहले शुरू कर दी गईं होती तो मजदूरों को परेशानी थोड़ी कम हुई होती।
पिछले महीने सैकड़ों प्रवासी मजदूर बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठे हो गए थे और उनके वापस जाने के लिए व्यवस्था किए जाने की मांग कर रहे थे, तब पुलिस ने लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया था।
देशमुख ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले सख्ती दिखाने की कोशिश की थी लेकिन लॉकडाउन बढ़ाए जाने से मजदूरों का सब्र अब जवाब दे चुका है। मंत्री ने कहा किवे घर जाने को इतने बेचैन हैं कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई झेलने को भी तैयार हैं। इसलिए हमने सख्ती ना करने का फैसला किया है। केवल मेरा मंत्रालय नहीं बल्कि पूरी सरकार उनकी मदद करने की कोशिश कर रही । हमने कभी नहीं सोचा था कि लॉकडाउन इतने लंबे समय तक चलेगा। हमने मजदूरों से बात करने की कोशिश भी की। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कई बार अपील की लेकिन प्रवासी मजदूरों ने अपने घर लौटने का फैसला कर लिया है।’’ देशमुख ने कहा कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों को समझाने की कोशिश की कि राज्य में कुछ उद्योग शुरू हो गए हैं और आगे भी कुछ ढील दी जाएगी, वे यहां से ना जाएं। मंत्री ने कहा, ‘‘ अस्थायी आश्रय गृहों के दौरे के दौरान मजदूरों ने मुझसे कहा था कि वे दिवाली के बाद वापस आ सकते हैं लेकिन अभी वे घर जाना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि वे पैदल घर लौटने का फैसला कर बड़ा जोखिम उठा रहे हैं क्योंकि यात्रा पूरी करने के लिए ना उनके पास पैसे हैं और ना ही पूर्ण संसाधन।
Created On :   12 May 2020 9:27 AM GMT