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महाराष्ट्र का कोई भी क्षेत्र 'शांत' नहीं, सरकार ने दी हाईकोर्ट को जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि केंद्र सरकार की अधिसूचना और प्रदूषण से जुड़े कानून में किए गए बदलाव के बाद फिलहाल महाराष्ट्र के किसी भी इलाके को शांत एरिया (साइलेंस जोन) घोषित नहीं किया गया है। महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने हलफनामे के जरिए हाईकोर्ट को यह जानकारी दी।
कानून में किए गए संशोधन के मुताबिक सरकार की घोषणा के बिना किसी भी इलाके को शांत एरिया नहीं माना जाएगा। ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों को सख्ती से लागू करने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता महेश बेडेकर और "आवाज" फाउंडेशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस पर Justice अभय ओक व Justice रियाज छागला की बेंच के समक्ष सुनवाई चल रही है। इस दौरान पर्यावरण विभाग की अपर सचिव ने उपरोक्त हलफनामा दायर किया है।
हलफनामे में यह कहा
हलफनामे में साफ है कि जब तक सरकार किसी एरिया को शांत इलाका घोषित नहीं करती है, तब तक उसे शांत एरिया नहीं माना जाएगा। हलफनामे के मुताबिक जब तक सरकार घोषित न करे, तब तक शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थल, हॉस्पिटल और कोर्ट के 100 मीटर का एरिया , शांत एरिया नहीं माना जाएगा। अब वही इलाका शांत एरिया माना जाएगा, जिसे सरकार घोषित करेगी। महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा, शांत एरिया तय करना सरकार का काम है। वह शीघ्र ही शांत एरिया घोषित करने की प्रक्रिया की शुरुआत करेगी। हलफनामे के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से कानून में किए गए संशोधन की अधिसूचना 10 अगस्त 2017 से लागू हुई है, इसलिए सरकार ने अब तक किसी भी इलाके को शांत एरिया घोषित नहीं किया है।
Created On :   17 Aug 2017 8:48 PM IST