राज्य में कुपोषण से किसी बच्चे की नहीं हुई मौत  

No child died due to malnutrition in the state
राज्य में कुपोषण से किसी बच्चे की नहीं हुई मौत  
आदिवासी विकास मंत्री ने कहा     राज्य में कुपोषण से किसी बच्चे की नहीं हुई मौत  

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  राज्य में कुपोषण के चलते किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है। आदिवासी विकास मंत्री डॉ विजय कुमार गावित ने प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में यह दावा किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत दूसरी बीमारियों के चलते हुई है। उन्होंने कहा कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते उन्हें बीमारियां हुईं और उनकी मौत हो गई। राकांपा के दिलीप वलसे पाटील, जयंत पाटील, विपक्ष के नेता अजित पवार समेत विपक्ष के कई सदस्यों ने जवाब पर आपत्ति जताई और कहा कि सरकार संवेदनहीनता दिखाते हुए आंकड़े छिपाने की कोशिश कर रही है। बीमारियां कुपोषण का ही नतीजा थीं। बुधवार को भी सरकार की ओर से इसी तरह का जवाब आया था जिससे नाराज विपक्ष ने सवाल उठाए थे इसके बाद सवाल को सुरक्षित रख लिया गया था लेकिन गुरूवार को भी मंत्री गावित अपने जवाब पर डटे रहे।

भिड़े आदित्य-मुनगंटीवार
आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम आजादी के 75वां साल मना रहे हैं लेकिन आदिवासी इलाके का जो हाल है उसे देखकर हम सबको शर्म आनी चाहिए। इस पर आपत्ति जताते हुए मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि शर्म आनी चाहिए शब्द असंसदीय है और इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल आदित्य के पिता मुख्यमंत्री थे क्या वे अपने पिता को कह रहे हैं कि उन्हें शर्म आनी चाहिए। दोनों पक्षों के सदस्यों के बीच जयंत पाटील ने आदित्य का बचाव किया और कहा कि उन्होंने जो कहा उसे गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने साफ किया कि ‘शर्म आनी चाहिए शब्द’ असंसदीय है। इसे कामकाज से निकालने की मांग पर उन्होंने कहा कि जांच के बाद वे इस पर फैसला करेंगे। मंत्री गावित के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने आखिरकार इस मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन कर दिया। 

माझी कन्या भाग्यश्री योजना को और बेहतर बनाएगी सरकार 
लड़कियों के जन्मदर में सुधार के लिए राज्य सरकार माझी कन्या भाग्यश्री योजना को और बेहतर बनाएगी। इसके लिए हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों की सफल योजनाओं का अध्ययन कर उनकी अच्छाइयों को मौजूदा योजना में शामिल किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। समाजवादी पार्टी के रईस शेख ने गढचिरोली जिले के सिरोंचा में अनुदान बंद होने से जुड़ा सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री लोढा ने इसे गलत बताया और कहा कि योजना के लिए आवेदन करने वाले 36 लोगों में से 35 को सावधि जमा प्रमाणपत्र दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में योजना का लाभ लेने के लिए नसबंदी जरूरी है इसलिए इसका लाभ लेने के लिए कम लोग आगे आ रहे हैं। 

डाक्टर नहीं अभिभावक की गलती से हुई थी गोंदिया में बच्चे की मौत 
गोंदिया जिले के आमगांव तालुका में स्थित कालीमाटी में इसी साल 31 मई को हुई डेढ़ साल के बच्चे की मौत उनके माता-पिता की लापरवाही की चलते हुए थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर द्वारा इलाज न किए जाने के चलते मौत का दावा गलत है। स्वास्थ्यमंत्री डॉ तानाजी सावंत ने विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। भाजपा के विनोद अग्रवाल ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के चलते बच्चे की मौत से जुड़ा सवाल उठाया था। लिखित जवाब में मंत्री डॉ सावंत ने बताया कि बच्चे के माता-पिता को स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि उसकी हालत नाजुक है और उसे बाल रोग विशेषज्ञ की देखरेख में आईसीयू में दाखिल किए जाने की जरूरत है। लेकिन बच्चे को घर में ही स्पून फीडिंग कराई गई। जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
 

Created On :   25 Aug 2022 7:13 PM IST

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