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महाराष्ट्र: शवों से कोरोना संक्रमण फैलने के कोई सबूत नहीः हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क,मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट किया है कि मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के पास कोरोना बाधित मरीजों के शवों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान तय करने का अधिकार है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक हमें कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मिले हैं जो दर्शाए की शवों से कोरोना का संक्रमण होता हो।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने उपरोक्त बात कहते हुए कोरोना बाधित मरीजों के शवों को दफनाने के संबंध में जारी किए गए परिपत्र के खिलाफ मुंबई निवासी प्रदीप गांधी सहित अन्य लोगों की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है।याचिका में मनपा द्वारा शवों को दफनाने के संबंध में महानगर के 20 कब्रिस्तानों को चिन्हित करने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि शवों से कोरोना का सामुदायिक संक्रमण हो सकता है। मुंबई मनपा ने याचिका का विरोध किया। बांद्रा कब्रिस्तान के वकील ने भी कहा कि शवों को दफनाते समय सभी नियमों का पालन किया जाता हैं।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि मनपा ने नियमों के तहत शवों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान तय किए हैं। अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं पेश किया गया है जो दर्शाए की शवों से कोरोना का संक्रमण होता है। खंडपीठ ने कहा कि शवों को नष्ट करते समय विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन किया जाए। खंडपीठ ने कहा की यह याचिका जुर्माना लगाने के लिए उपयुक्त है लेकिन कोरोना के चलते हम याचिकाकर्ता पर जुर्माना नहीं लगा रहे हैं।
Created On :   22 May 2020 10:10 AM GMT