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सरकारी काम में बाधा पहुंचाने वाले को हाईकोर्ट से राहत नहीं, याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया आदेश में स्पष्ट किया है कि, यदि कोई आरोपी सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप से मुक्त किया भी जाएं, तो एफआईआर में दर्ज अन्य धाराओं के तहत जेएमएफसी कोर्ट को ट्रायल आगे बढ़ाने का अधिकार है। इस तर्क के साथ हाईकोर्ट ने अकोला के तेल्हारा निवासी राजकुमार भट्टड़, रामविलास भट्टड़, शिवाजी सोनटक्के व इकरामुद्दीन सौदागर के खिलाफ तेल्हारा जेएमएफसी कोर्ट में चल रहा मुकदमा खारिज करने से इंकार किया है।
जेएमएफसी कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
दरअसल, आरोपियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, धमकाने, किसी को अवैध रूप से रोकने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता अधिकारी द्वारा लिखित शिकायत के अभाव में आरोपियों को सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप से जेएमएफसी कोर्ट ने मुक्त कर दिया था, लेकिन शेष धारा 186, 341, 434, 504, 506, 34 के तहत मुकदमा आगे बढ़ाने का फैसला लिया था। इसमें आरोपियों के खिलाफ अवैध रूप से किसी को रोकने, धमकाने जैसे आरोप शामिल थे। आरोपियों ने इसके खिलाफ सत्र न्यायालय मे अपील दायर की, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामला अकोला के तेल्हारा का है।
यह है मामला
शिकायतकर्ता अधिकारी के अनुसार 18 जुलाई 2010 को वे राम तिड़के नामक किसान का खेत गिनने पहुंचे थे, तब आरोपी वहां आएं और खेत गिनने की कार्रवाई रुकवा दी। यह कार्रवाई ना मंजूर होने का तर्क देते हुए खंभे उखाड़ने लगे और अधिकारी को धमकी देने लगे। हाईकोर्ट ने आरोपियों की याचिका खारिज कर दी है।
Created On :   1 Jun 2021 3:36 PM IST