महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के घर के पास बने उद्यानों में टॉयलेट तक नहीं

No toilets in gardens near bungalows of CM and Union minister
महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के घर के पास बने उद्यानों में टॉयलेट तक नहीं
महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के घर के पास बने उद्यानों में टॉयलेट तक नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री के शहर में उद्यानों की क्या हालत है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मनपा के 83 उद्यानों से 50 उद्यानों में टॉयलेट नहीं आैर 43 उद्यानों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। ढाई साल में उद्यानों के रख-रखाव और मरम्मत के नाम पर 4 करोड़ 55 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के घर के पास के उद्यानों में भी टॉयलेट नहीं है। मनपा के 83 उद्यान है। मनपा के 10 जोन में यह उद्यान विभाजित हैं। उद्यानों के रख-रखाव, मरम्मत के लिए मनपा का स्वतंत्र विभाग है। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में प्रदूषण मुक्त शुद्ध हवा व मानसिक सुकून के लिए लोग बड़ी संख्या में सुबह उद्यानों में जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों पर सबसे ज्यादा जोर दिया, लेकिन मनपा संचालित 50 उद्यानों में टायलेट की व्यवस्था नहीं है। इसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी जिस इलाके में रहते हैं, वहां के उद्यान भी शामिल हैं।

मनपा ने उद्यान के रख-रखाव व मरम्मत पर ढाई साल में 6 करोड़ 50 लाख जारी किए, जिसमें से 4 करोड़ 55 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। उद्यानों की सुरक्षा व रख-रखाव के लिए 91 सुरक्षा रक्षक तैनात किए गए हैं। शहर में पेड़ों की कटाई अक्सर होती रहती है, लेकिन मनपा के रिकॉर्ड में ढाई साल में केवल 12 पेड़ों की ही कटाई दर्ज है।

सीएम व केंद्रीय मंत्री के आवास के करीब के उद्यानों में टायलेट नहीं

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के धरमपेठ स्थित निवास के पास त्रिकोणी पार्क है। यहां टायलेट की व्यवस्था नहीं है। इसी तरह केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के महल स्थित निवास से कुछ दूरी पर तुलसीबाग उद्यान है। यहां टॉयलेट व पानी दोनों की व्यवस्था नहीं है। इससे मनपा की कार्यप्रणाली उजागर होती है।

PMO तक गई शिकायत

देश में स्वच्छ भारत अभियान जारी होने के बावजूद मनपा संचालित उद्यानों में टायलेट व पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने की शिकायत PMO तक गई थी। PMO ने राज्य सरकार को समुचित कार्रवाई करने को कहा था। राज्य के नगर विकास विभाग ने मनपा को इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके उद्यानों का यह हाल बना हुआ है। मार्निंग वॉक व शुद्ध हवा लेने उद्यान आने वाले लोगों को टॉयलेट के लिए घर जाने की नौबत आती है।

खर्च करने में फिसड्डी

मनपा की तरफ से उद्यान विभाग को ढाई साल में 6 करोड़ 50 लाख का निधि जारी की गयी। उद्यानों के रख-रखाव, मरम्मत व अन्य कार्यों पर 4 करोड़ 55 लाख ही खर्च किए गए। मनपा उद्यानों पर पूरी निधि भी खर्च नहीं कर सकी।

उद्यानों में नहीं चल सका सरकारी अभियान

अभय कोलारकर, आरटीआई एक्टिविस्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री ने देश भर में स्वच्छ भारत अभियान चलाया। घर-घर में शौचालय बनाने के लिए सरकारी अनुदान भी दिया गया। केंद्र व राज्य सरकार ने इस अभियान की सफलता के लिए कई कदम उठाए, लेकिन सरकारी अभियान उद्यानों में लागू करने में सरकार कम पड़ गई। टॉयलेट व पीने के पानी की व्यवस्था करने के लिए निधि की समस्या भी नहीं है। PMO व राज्य सरकार तक शिकायत जाने के बावजूद 60 फीसदी उद्यानों में टॉयलेट नहीं हेाना गंभीर बात है।

Created On :   4 Nov 2018 7:34 PM IST

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