अतिशेष शिक्षक के दायरे में नोडल अधिकारी, जिले के 612 सरप्लस मासाब को लेकर प्रशासन ने शुरू किया मंथन, लिया जा रहा दावा-आपत्ति

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मध्य प्रदेश  अतिशेष शिक्षक के दायरे में नोडल अधिकारी, जिले के 612 सरप्लस मासाब को लेकर प्रशासन ने शुरू किया मंथन, लिया जा रहा दावा-आपत्ति

डिजिटल डेस्क,कटनी। शिक्षा विभाग में अतिशेष 612 शिक्षकों को एक स्थान से दूसरे स्थान में भेजने के लिए दावा-आपत्ति की कार्यवाही चल ही रही थी कि अब सरप्लस के जद में नोडल अधिकारी का भी नाम सूची में आ गया। जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ सरप्लस अधिकारी, कर्मचारी की सूची में सहायक संचालक राजेश अग्रहरी के साथ शिक्षक अनिल कांबले का भी नाम शामिल है। जिसके बाद विभाग में ऊहापोह की स्थिति है। कार्यालय में इस बात की सुगबुगाहट चल रही है कि यदि राजेश अग्रहरी को दूसरे जगह पर भेज दी जाती है तो फिर यहां पर सहायक संचालक का पद रिक्त हो जाएगा।

छह लोगों की लगाई है डयूटी

जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी 30 जनवरी को आदेश में छह लोगों की डयूटी दावा-आपत्ति लेने के लिए लगाई गई है। जिसमें नोडल अधिकारी प्रभारी सहायक संचालक को बनाते हुए अन्य सदस्यों में प्राचार्य रामकुमार पटेल, एम किंडो, डीईओ कार्यालय के लिपिक पद्म कांत पटेल, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर राघवेन्द्र श्रीवास्तव और प्रवीण कोल की डयूटी लगाई गई है

शिक्षकों के लिए अब कम समय

सरप्लस के दायरे में आने वाले शिक्षकों के पास अब दावा-आपत्ति देने के लिए कम समय ही बचा हुआ है। अभी भी करीब बीस फीसदी सरप्लस शिक्षक इस संबंध में अपनी जानकारी टीम को नहीं दिए हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि यदि किसी शिक्षक इस संबंध में दावा-आपत्ति नहीं देता तो फिर शासन और प्रशासन स्तर पर जो भी निर्णय होगा। उस शिक्षक को मानना पड़ेगा।

मुख्यालय के विद्यालयों में हडक़ंप

सबसे अधिक टेंशन मुख्यालय के स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों में है, जो जोड़-जुगाड़ से तो घर के समीपस्थ स्कूलों में आने में कामयाब हो गए, लेकिन स्थानांतरण नीति से यहां पर नए शिक्षक भी आ गए। अब अतिशेष शिक्षकों की संख्या में पहले से पदस्थ शिक्षकों का नाम ही सूची में है। जिसके चलते ये शिक्षक फिर से अब दूरस्थ स्कूलों में जाएंगे। प्रदेश स्तर और पोर्टल पर पारदर्शी प्रकिया अपनाए जाने से फिलहाल ऐसे शिक्षक शासन और प्रशासन की कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं।

इनका कहना है

पोर्टल में विसंगति के चलते इस तरह की स्थिति निर्मित हो रही है। कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां पर पदों के विरुद्ध शिक्षक नहीं हैं, लेकिन पदनाम को लेकर विसंगति है। जिससे वे शिक्षक भी अतिशेष के दायरे में हैं।
दावा-आपत्ति लेने के बाद इसकी जानकारी भोपाल दी जाएगी। जिसके बाद आगे की कार्यवाही होगी।
- पृथ्वी पाल सिंह, डीईओ

Created On :   5 Feb 2023 12:11 PM GMT

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