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दैनिक भास्कर हिंदी: पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ का कहर चरम पर, अब तक 23 लोगों की मौत
हाईलाइट
- देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की वजह से विकराल स्थिति पैदा हो गई है।
- बाढ़ की वजह से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है।
- असम बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है और राज्य में करीब 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
- बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर होजाई, कर्बी एनलौंग ईस्ट, कर्बी एनलौंग वेस्ट, गोलाघाट, करीमगंज, हैलाकांडी, चाचर ज़िले में देखने को मिल रहा है।
डिजिटल डेस्क, मणिपुर। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की वजह से विकराल स्थिति पैदा हो गई है। बाढ़ की वजह से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। असम बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है और राज्य में करीब 14 लोगों की मौत हो चुकी है। सवा चार लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर होजाई, कर्बी एनलौंग ईस्ट, कर्बी एनलौंग वेस्ट, गोलाघाट, करीमगंज, हैलाकांडी, चाचर ज़िले में देखने को मिल रहा है। इनमें से भी करीमगंज और हैलाकांडी सबसे अधिक प्रभावित हैं। स्थानीय लोगों की फसल भी पानी में डूब चुकी है और प्रमुख रास्ते पानी की वजह से कट गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालने का काम जारी है।
#WATCH: Visuals of flooding from #Assam's Hailakandi. 14 people have died in the state due to flooding. #AssamFloods pic.twitter.com/Z0pssmMHPV
— ANI (@ANI) June 18, 2018
त्रिपुरा में 40 हज़ार लोग राहत शिविरों में फंसे
मणिपुर में भी बाढ़ से स्थिति काफी खराब है और केंद्र सरकार से मदद मांगी गई है। राजधानी इंफाल में हालात में थोड़ा सा सुधार हुआ है, वहीं थॉबल, इंफ़ाल वेस्ट में हालात गंभीर बने हुए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की गई है। पीड़ितों की सहायता के लिए तत्काल मदद भी मांगी गई है। त्रिपुरा में भी क़रीब 40 हज़ार लोग राहत शिविरों में फंसे हुए हैं।
668 गांव बाढ़ की चपेट में
मिजोरम में भी बाढ़ का कहर चरम पर है, उत्तरी मिजोरम के 25 गांवों की स्थिति खराब है। ये गांव राज्य के अन्य हिस्सों से कट गए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा था कि राज्य में फिलहाल 668 गांव बाढ़ की चपेट में है। कुल 1912 हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। गुवाहाटी शहर में चार जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
1.8 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
पूर्वोत्तर में विनाशकारी बाढ़ ने पिछले 24 घंटों में और छह लोगों की जान ले ली है। असम में भी रविवार से पांच और लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मणिपुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। ब्रह्मपुत्र नदी अभी जोरहाट में निमातीघाट और कचार में एपी घाट में खतरे के निशान से ऊपर बढ़ रही है। धनसीरी जैसी अन्य नदियां भी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों की संख्या बढ़कर 22,624 हो गई है. बाढ़ से 1.8 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
केन्द्र सरकार करेगी मदद
मौसम विभाग का अनुमान है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य सरकारों को सुनिश्चित किया था कि बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों को केंद्र सरकार भरपूर मदद करेगी।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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