इलाज के लिए उत्तरभारतीयों को मुंबई में मिलेगा आशियाना 

North Indians will get shelter in Mumbai for treatment
इलाज के लिए उत्तरभारतीयों को मुंबई में मिलेगा आशियाना 
इलाज के लिए उत्तरभारतीयों को मुंबई में मिलेगा आशियाना 

डिजिटल डेस्क, मुंबई । देश की आर्थिक राजधानी में स्थित देश के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल में इलाज कराने हर साल करीब 40 हजार लोग दूसरे राज्यों से मुंबई आते हैं। इनमें बड़ी संख्या उत्तरभारत के लोगों की होती है। मरीज किसी तरह अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं पर उनके परिजनों को सड़क पर दिन बिताने पड़ते हैं। कैंसर मरीजों व उनके परिजनों को आशियाना देने के लिए उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष व विधायक आरएन सिंह की पहल पर उत्तरभारतीय संघ भवन में 6 हजार 800 वर्गफिट में अतिथि शाला तैयार की गई है।  उत्तर भारतीय संघ के विशेष ट्रस्टी संतोष सिंह ने शनिवार को संघ भवन में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 50 बेड का डोरमेट्री और 5 एसी रूम तैयार किया गया है। इसके लिए तीन करोड़ 70 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इस डोरमेट्री को ‘नो प्रोफिट, नो लॉस’ यानी ‘न नफा, न नुकसान’के आधार पर चलाया जाएगा। इससे उत्तर भारत से आने वाले कैंसर मरीजों और उनके परिजनों को भारी राहत मिलेगी।सिंह ने बताया कि आगामी मई में देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में इसका उद्घाटन होगा।

पूरा हुआ सपनाः आरएन सिंह
इस संदर्भ में उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष व भाजपा विधायक आरएन सिंह ने कहा कि मेरा वर्षों का यह सपना पूरा हो गया। इलाज कराने ग्रामीण क्षेत्रों से आने वालों के परिजनों को सड़क पर रात बिताते देख कर दुख होता है। मैं इनके लिए कुछ करना चाहता था। संघ के महामंत्री नंदलाल उपाध्याय ने बताया कि डोरमेट्री में फिलहाल 50 बिस्तर है। हर व्यक्ति के समान रखने के लिए कपाट की व्यवस्था है। उपाध्याय ने कहा कि हमारा प्रयास है कि उत्तर भारत से आने वाले कैंसर और अन्य तरह के मरीजों को राहत मिले। 5 एसी रूम भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत से आने वाला कोई भी मरीज यहां स्थान पा सकता है। यह गेस्ट हाऊस‘पहले आओ, पहले पाओ’पद्धति पर चलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम न के बराबर फीस लें। गौरतलब है कि टाटा कैंसर अस्पताल और मुंबई के दूसरे अस्पतालों में उत्तर भारत से इलाज के लिए बड़े पैमाने पर लोग आते हैं। आर्थिक तंगी के चलते लोगों को महानगर में ठहरने के लिए भारी परेशानी से गुजरना पड़ता है। 

Created On :   13 Feb 2021 12:46 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story