च्यवनप्राश नहीं बिटकॉजिंक की गोलियों से कुपोषण दूर करने की कवायद

Not Chyawanprash, an exercise to remove malnutrition with bitcoin tablets
च्यवनप्राश नहीं बिटकॉजिंक की गोलियों से कुपोषण दूर करने की कवायद
जिप महिला व बाल कल्याण समिति का निर्णय च्यवनप्राश नहीं बिटकॉजिंक की गोलियों से कुपोषण दूर करने की कवायद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कुपोषित बच्चों, किशोरियों, गर्भवती तथा स्तनदा माताओं को पूरक आहार में च्यवनप्राश के बदले बिटकॉजिंक की गोलियां देने का जिला परिषद महिला व बाल कल्याण समिति ने निर्णय लिया है। दरअसल, पहले च्यवनप्राश देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन उसे तकनीकी मंजूरी नहीं मिलने के कारण निर्णय बदला गया है। 
शुक्रवार को समिति की बैठक हुई।

साल 2021-2022 वित्तीय वर्ष में जिला वार्षिक योजना अंतर्गत 50 लाख, आदिवासी क्षेत्र उपयोजना अंतर्गत 10 लाख, ओटीएसपी अंतर्गत 10 लाख, एमएडीए अंतर्गत 10 लाख, कुल 80 लाख रुपए का कुपोषित बालक, किशोरियों, गर्भवती तथा स्नतदा माताओं के पूरक आहार के लिए प्रावधान किया गया था। इस निधि से च्यवनप्राश देने का निर्णय लिया गया, लेकिन उसे तकनीकी मंजूरी नहीं मिलने पर दूसरे आहार का चयन करने की सभापति उज्ज्वला बोढारे ने सूचना दी। केंद्र सरकार के ईएसआईसी, नई दिल्ली कार्यालय से ई-निविदा दरकरार मंजूरी प्राप्त झिम लैबोरेटरी लिमिटेड कलमेश्वर की विटामिन बी-काॅम्प्लेक्स, विटामिन-सी और जिंक कंटेंटवाली बिटकॉजिंक गोलियां देने पर बैठक में मुहर लगाई गई।

तकनीकी मंजूरी नहीं मिली
तकनीकी मंजूरी नहीं मिलने पर च्यवनप्राश के बदले बिटकॉजिंक गोलियां देने का निर्णय लिया गया है। अनुसूचित जाति, जनजाति के लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।  -उज्ज्वला बोढारे, सभापति,  महिला व बाल कल्याण समिति, जिप

Created On :   5 March 2022 6:44 PM IST

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