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डीएफओ ने फील्ड पर रहने कहा तो होने लगा विरोध

डिजिटल डेस्क शहडोल । वनों की सुरक्षा को लेकर डीएफओ की ओर से शुरू किए गए नोट कैम अटेंडेंस व्यवस्था का विरोध शुरू हो गया है। बीर्ड गार्डों ने बुधवार को कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की और यह व्यवस्था तत्काल समाप्त करने की मांग की। वहीं अधिकारियों का कहना है कि वनों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। वही लोग विरोध कर रहे हैं, जो काम नहीं करना चाहते।
दरअसल, दक्षिण वन मंडल शहडोल के डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने नाकेदारों की नाकों पर ड्यूटी सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल एप के जरिए अटेंडेंस लगाने का आदेश दिया था। करीब दो सप्ताह पहले शुरू हुए अटेंडेंस लॉकिंग सिस्टम के तहत बीट गार्डों, रेंज असिस्टेंट और रेंजर को अपने रेंज से फोटो खींचकर वॉटएसएप ग्रुप में भेजना होता है। नोट कैम एप में फोटो लेते समय टाइम, डेट और लोकेशन फोटो के साथ दर्ज हो जाती है। इससे पता चल जाता है कि संबंधित बीट कार्ड अपने मुख्यालय में है या नहीं। नई व्यवस्था के तहत दिन में दो बार लोकेशन फोटो अपलोड करनी होती है। सुबह 8 से 10 बजे की बीच में और रात में 9 से 12 के बीच में। फोटो सेल्फी मोड में खींचनी होती है, जिससे कर्मचारी के साथ-साथ लोकेशन भी नजर आए। यह नवाचार अभी शहडोल सर्किल के दक्षिण वनमंडल में शुरू किया गया है। इसके बाद इसे अन्य वनमंडलों में भी लागू किया जाएगा।
फोटो नहीं भेजने वाले अनुपस्थित
अलग-अगल रेंज के वॉटसएप ग्रुप में फोटो आने के बाद डीएफओ जीआईएस गूगल अर्थ की मदद से रिपोर्ट जेनरेट करते हैं और सभी ग्रुपों में शेयर करते हैं। इसमें जहां से बीट गार्ड या रेंज ऑफिसर रात में और सुबह के समय फोटो खींचते हैं वहां लोकेशन हाईलाइट होने लगती है। जिन बीट से फोटो नहीं आती वहां रेड साइन दिखने लगता है। इससे पता चल जाता है कि संबंधित बीट गार्ड ने फोटो नहीं खींची है। यह प्रक्रिया सुबह और रात दो बार अपनाई जाती है। इसके बाद अटेंडेंस एप्रूव की जाती है। यह प्रक्रिया शुरू होते ही बीडगार्ड की 99 फीसदी उपस्थिति मिलने लगी है।
सिर्फ मॉनीटरिंग व्यवस्था बनाई है
डीएफओ प्रदीप मिश्रा का कहना है कि शासन के निर्देश हैं कि फील्ड स्टाफ मुख्यालय में ही रुके। हम अपने से कोई आदेश नहीं थोप रहे हैं। स्टाफ के रुकने के लिए नाके बनाए गए हैं, उन्हें वहीं रुकना है। हम तो एप के माध्यम से मॉनीटरिंग को बेहतर कर रहे हैं। अगर किसी को काम है तो वह छुट्टी के लिए आवेदन दे सकता है। आधे दिन का काम है तो आधे दिन की छुट्टी ले सकता है। हमारे यहां तो शनिवार और रविवार को भी मुख्यालय अवकाश लेना पड़ता है। यह सब वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा को और बेहतर करने के लिए किया गया है।
इनका कहना है
वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिता है। वनों की गश्ती सुचारू रूप से करने के लिए ही नोट कैम एप अटेडेंस सिस्टम लागू किया गया है। विरोध करने वाले कर्मचारियों से चर्चा की जाएगी। वे नहीं मानेंगे तो उच्चाधिकारियों को इससे अवगत कराया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-प्रदीप मिश्रा, डीएफओ साउथ शहडोल
Created On :   8 March 2018 2:43 PM IST