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सुराबर्डी अतिक्रमण मामले में नगरविकास, सिंचाई विभाग के सचिव को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुराबर्डी तालाब में अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन की उदासीनता के विरोध में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और अनिल पानसरे की खंडपीठ ने नगरविकास विभाग और सिंचाई विभाग के सचिव सहित प्रशासन के कई विभागों को नोटिस जारी किया है। मामले की दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
सामाजिक कार्यकर्ता नितीन शेंद्रे की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि वाड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत करीब 75.39 हेक्टेयर क्षेत्र में सुराबर्डी तालाब फैला हुआ है। जीवन प्राधिकरण की ओर से लावा-सुराबर्डी पेरी अर्बन जलापूर्ति योजना में तालाब से जलापूर्ति कई गांवों को की जा रही है, लेकिन गंदगी और अतिक्रमण के चलते तालाब की स्थिति बेहद खराब हो रही है। इस मामले में कई मर्तबा जिला प्रशासन के अलावा ग्राम पंचायत सहित अन्य विभागों को जानकारी दी गई, लेकिन अतिक्रमण को हटाकर तालाब की सुरक्षा पर कोई पहल नहीं की गई है। कई सालों से प्रशासन को गुहार लगाने के बाद भी कोई परिणाम नहीं आया है।
सड़क की जगह में बना लिया घर
याचिका में बताया गया है कि सुराबर्डी तालाब में चारों ओर से अतिक्रमण हो चुका है। वाड़ी ग्राम पंचायत ने बगैर कोई अनुमति के सीमेंट का प्लेटफार्म बना दिया है। इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल शवदहन के लिए हो रहा है। राख और अन्य गंदगी को सीधे तालाब में छोड़ दी जाती है। तालाब की जमीन पर कई नागरिकों ने अपने जानवरों का गोठा भी बना लिया है। तालाब तक आने वाले पांधन रास्ते पर तीन नागरिकों ने अतिक्रमण कर घर बना लिया है, जिसके चलते 60 फीट चौड़ा पांधन रास्ता अब केवल 10 फीट रह गया है। इन अतिक्रमण वाले घरों पर महावितरण कंपनी ने 220 केवी की हाईटेंशन लाइन भी डाल दी है। नगरविकास विभाग के सचिव के अलावा सिंचन विभाग के सचिव, विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, जिप सीईओ, एनएमआरडीए और सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता को भी नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता नितीन शेंद्रे की ओर से अधिवक्ता सुधीर मालोदे ने पैरवी की।
Created On :   2 Dec 2021 3:30 PM IST