न अपने 27 कॉलेज बचा सका, न उन पर अपना हक साबित कर सका महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विवि

Notification issued by Maharaja Chhatrasal Bundelkhand University
न अपने 27 कॉलेज बचा सका, न उन पर अपना हक साबित कर सका महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विवि
न अपने 27 कॉलेज बचा सका, न उन पर अपना हक साबित कर सका महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विवि

डिजिटल डेस्क  छतरपुर । जुलाई 2014 में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विवि की जारी हुई अधिसूचना के बाद जारी एक अन्य अध्यादेश के जरिये सागर की सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी (डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विवि) से संबद्ध संभाग के पांचों जिलों के सभी सरकारी व प्राइवेट कॉलेज इस नये विवि से संबद्ध  एफीलेटेड) कर दिये गये थे। लेकिन सागर जिले के 19 सहित दमोह व छतरपुर के 4-4 कॉलेजों ने बुंदेलखंड विवि से संबद्ध होने से इंकार कर दिया। कागजी लिखा-पढ़ी व अभ्यावेदनों में जब भी यह मुद्दा उठा केन्द्रीय विवि सागर ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वह अपनी ओर से किसी कॉलेज का एफीलेशन नहीं कर रहा है। न ही उसने केन्द्रीय विवि बनने के बाद कोई एफीलेशन किया। उसने अपनी ओर से सभी या किसी भी कॉलेज की संबद्धता समाप्त करने या स्थानांतरित करने का जतन भी नहीं किया।
मामला कोर्ट में भी गया
 बुंदेलखंड विवि प्रशासन बार-बार यह तर्क देता रहा कि केन्द्र शासन के संबद्धता नियमों के तहत केन्द्रीय विवि से कोई कॉलेज एफीलेटेड नहीं रह सकता है। लंबे अर्से तक मामला गरमाये रहने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो कॉलेज प्रबंधन संयुक्त रुप से हाईकोर्ट चले गये और वहां उन्होंने अपनी बात रखी। बड़ा तर्क दूरी, सालों से गौर विवि से संबद्धता और उससे जुडकऱ मिली पहचान रहा। उन नियमों का भी हवाला दिया गया जिसमें केन्द्रीय विवि से कॉलेजों के संबद्ध रहने संबंधी अधिकारों का उल्लेख था।
यहां कमजोर पड़ गया विवि प्रशासन
 जानकारों के अनुसार हाईकोर्ट में मौका तो बुंदेलखंड विवि प्रशासन को भी मिला। लेकिन जिरह के दौरान बुंदेलखंड विवि प्रशासन इन कॉलेजों पर अपना हक साबित नहीं कर सका। वह बार-बार उस अध्यादेश का हवाला देता रहा जिसके तहत छतरपुर सहित सागर, पन्ना, दमोह व टीकमगढ़ के सभी 184 कॉलेज उससे संबद्ध घोषित किये गये थे। उसके द्वारा यह भी कहा गया कि केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय विवि को संबद्धता मुक्त बताया है। लेकिन उसके इस हवाले की हवा
केन्द्र सरकार के उस नियम ने निकाल दी, जिसके तहत केन्द्रीय विवि में एफीलेटेड कॉलेजों को उनकी मंशा अनुसार पूर्व के विवि से संबद्ध रहने का अधिकार मिला हुआ था।
इन कॉलेजों ने बुंदेलखंड विवि का साथ छोड़ा
पं. बीपी दीक्षित शिक्षा महाविद्यालय, नौगंव छतरपुर श्री बालाजी महाविद्यालय, नौगंाव, छतरपुर 6वीरांगना अवंती बाई स्नाकोत्तर महाविद्यालय, छतरपुर 6वीरांगना अवंती बाई विधि महाविद्यालय, छतरपुर बुन्देलखंड कॅरियर महाविद्यालय, हटा टाइम्स कॅालेज, दमोह गुरु रामदास कॅालेज, ऑफ एजुकेशन, दमोह
स्वामी विवेकानंद कॅालेज, हटा, दमोह
बाजी जीती जा सकती थी लेकिन ...
जानकारों के अनुसार विवि प्रशासन इस मामले में बाजी मार सकता था लेकिन उसके प्रबंधन व विधि विशेषज्ञ कोर्ट में उन तमाम नियमों का हवाला ही नहीं दे पाये जो उक्त 27 कॉलेजों पर उसका हक साबित करते थे। जानकारों के मुताबिक संबद्धता से जुड़े केन्द्रीय नियमों में एक नियम यह भी है कि जो आदेश (भले ही राज्य सरकार का हो या केन्द्र सरकार का) सबसे बाद में जारी हुआ होगा, वही मान्य और लागू माना जाएगा। यहां बता दें कि सागर के डॉ. हरीसिंह गौर विवि और उसके केन्द्रीय विवि का दर्जा प्राप्त होने के बाद भी इससे नियमत: संबद्ध रहे सभी 184 कॉलेजों की संबद्धता बुंदेलखंड विवि से होने संबंधी अध्यादेश सबसे अंत में यानी लेटेस्ट जारी हुआ था।
इनका कहना है
उस समय क्या परिस्थितियां रहीं कहा नहीं जा सकता है। हमारे कॉलेज हमें वापस मिल सकें, इसे लेकर शासन स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। आज ही भोपाल में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। उम्मीद है जल्द सफलता मिलेगी ।
- आर.एल. सोलंकी , कुलसचिव , एमसीबीविवि , छतरपुर

 

Created On :   23 Feb 2018 1:24 PM IST

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