अब 45 की उम्र वाले भी ले सकेंगे 50 हजार तक का लोन, कृषक उद्यमी योजना में हुआ बदलाव

Now 45 years old will be able to take up to 50 thousand loan
अब 45 की उम्र वाले भी ले सकेंगे 50 हजार तक का लोन, कृषक उद्यमी योजना में हुआ बदलाव
अब 45 की उम्र वाले भी ले सकेंगे 50 हजार तक का लोन, कृषक उद्यमी योजना में हुआ बदलाव

डिजिटल डेस्क, भोपाल। शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में बदलाव कर दिया है। अब 45 साल की उम्र वाले भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे तथा न्यूनतम 50 हजार रुपए और अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक का लोन विभिन्न रियायतों के साथ प्राप्त कर सकेंगे। इससे पहले सिर्फ 40 साल की उम्र वाले आवेदकों को ही लोन लेने की पात्रता थी. इसमें न्यूनतम 10 लाख रुपए और अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक का लोन लेने की पात्रता थी। इस संबंध में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग ने योजना में बदलाव की जानकारी अधिसूचित कर दी है। पहले सिर्फ चार विभागों कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य एवं पशुपालन विभाग ही इस योजना का क्रियान्वयन कर सकते थे परन्तु अब इसमें आठ विभाग और जोड़ दिए गए हैं जो योजना का क्रियान्वयन कर सकेंगे। ये आठ अन्य विभाग हैं : एमएसएमई, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, अनुसूचित जाति कल्याण, आदिमजाति कल्याण, विमुक्त, अध्र्द घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग एवं पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग।

ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने यह योजना 16 नवम्बर 2017 को जारी की थी। इसमें वे किसान पुत्री/पुत्र लाभ लेने के लिए पात्र होंगे जिनके माता-पिता या स्वयं के पास कृषि भूमि हो परन्तु वे आयकर दाता न हों। उनका दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना भी जरुरी होगा। एमपी आनलाईन के तहत योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया जा सकता है। आवेदक को मार्जिन मनी सहायता के अंतर्गत सामान्य वर्ग हेतु पूंजीगत लागत का 15 प्रतिशत अधिकतम 12 लाख रुपए, बीपीएल आवेदक को पूंजीगत लागत का 20 प्रतिशत एवं अधिकतम 18 लाख रुपए तक मिलेगी। इसी प्रकार ब्याज अनुदान के तहत परियोजना के पूंजीगत लागत का 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से तथा महिला उद्यमी हेतु 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अधिकतम 7 वर्षों तक सहायता मिलेगी जोकि अधिकतम 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष हो सकेगी।

इसके लिए ले सकेंगे ऋण 
विनिर्माण उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय से संबंधित सभी प्रकार की परियोजनाओं, कृषि आधारित परियोजनाओं यथा एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, मिल्क प्रोसेसिंग, केटल फीड, पोल्ट्री फीड, फिश फीड, कस्टम हायरिंग सेंटर, वेजीटेबल डीहाईड्रेशन, टिश्यु कल्चर, दाल मिल, राईस मिल, आईल मिल, फ्लोर मिल, बेकरी, मसाला निर्माण, सीड ग्रेडिंग/सार्टिंग व अन्य कृषि आधारित/आनुषंगिक परियोजनाओं के लिए योजना के तहत ऋण लिया जा सकेगा। 

इनका कहना है 
‘मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में बदलाव किया गया है तथा अब इसमें न्यूनतम दस लाख के बजाए 50 हजार रुपए तक का भी ऋण दिया जा सकेगा।’
मुकुन्द शर्मा उप संचालक एमएसएमई संचालनालय भोपाल 

Created On :   16 May 2018 5:44 PM IST

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