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एमपी सरकार की सभी योजनाओं में 'आधार कार्ड' अनिवार्य

डिजिटल डेस्क, भोपाल। एमपी सरकार ने अपनी सभी योजनाओं में आधार नम्बर अनिवार्य करने की तैयारियां कर दी हैं। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्हें प्रारंभिक कार्रवाई 15 जुलाई तक पूर्ण करने के लिए कहा है। यह कार्रवाई भारत सरकार के केबिनेट सचिवालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के आधार पर की जा रही है।
एमपी के सभी विभागों से कहा गया है कि वे भारत सरकार एवं राज्य सरकार की योजना एवं कार्यक्रम की सूची बनाएं। योजना में डॉयरेक्ट बेनिफिट ट्रासंफर यानी डीबीटी लागू करने का आकलन किया जाए, जिसमें उद्देश्य लक्षित हितग्राही, योजना क्रियान्वयन और फंडफ्लो सम्मिलित हो। आधार कानून 2016 के तहत राज्य की संचित निधि से पोषित योजनाओं में आधार सीडिंग के लिए अधिसूचना जारी करने की कार्रवाई की जाए।
केंद्र सरकार एवं राज्य की संचित निधि से हितग्राही मूलक पोषित योजनाओं के वर्तमान हितग्राहियों को डिजिटाईजेशन किया जाए, उनकी आधार सीडिंग एवं उपलब्ध डाटाबेस का आधार आधारित सत्यापन का कार्य पूर्ण किया जाए एवं विभागीय योजनाओं के तहत हितग्राहियों के लिए ऐसी प्रक्रिया/साफ्टवेयर तैयार किया जाए जिसके द्वारा नवीन जोड़े जाने वाले हितग्राही को योजना में सम्मिलित करते समय/आवेदन के साथ ही आधार सीडिंग की जा सके एवं मोबाईल नंबर दर्ज किया जा सके। वस्तु वितरण में आधार के माध्यम से हितग्राहियों का सत्यापन किया जाए।
सभी विभागों से यह भी कहा गया है कि प्रत्येक विभाग की योजनाओं में डीबीटी के क्रियान्वयन के लिए विभाग द्वारा एक टीम का गठन किया जाए जिसमें तकनीकी नोडल अधिकारी, एक गैर तकनीकी नोडल अधिकारी तथा एक वित्त नोडल अधिकारी नामांकित किया जाए और इससे संचालनालय कोष एवं लेखा को अवगत कराया जाए। उक्त सारी कार्रवाई 15 जुलाई 2017 तक अनिवार्यत: वित्त विभाग को प्रेषित करने के लिए कहा गया है।
कोष एवं लेखा भोपाल के अपर संचालक जेके शर्मा ने कहा कि ''राज्य की योजनाओं एवं कार्यक्रमों में आधार नम्बर को अब कानूनी दर्जा दिया जाना है तथा इसी के तहत यह कार्रवाई प्रारंभ की गई है।"
Created On :   13 July 2017 3:32 PM IST