अब चार दिन में पानी का रिसाव रोकने और बिजली आपूर्ति में सुधार करने का दावा

Now claims to stop water leakage and improve power supply in four days
अब चार दिन में पानी का रिसाव रोकने और बिजली आपूर्ति में सुधार करने का दावा
जिला अस्पताल में आग अब चार दिन में पानी का रिसाव रोकने और बिजली आपूर्ति में सुधार करने का दावा

डिजिटल डेस्क, अमरावती। जिला महिला अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में आग लगने की घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन के साथ ही जिला प्रशासन की नींद खुल गई है। एसएनसीयू में हो रहे पानी के रिसाव और वायरिंग की समस्या को 3 से 4 दिन में दूर करने के लिए जिला नियोजन विकास समिति (डीपीडीसी) से 28 लाख रुपए खर्च करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

जानकारी के अनुसार सोमवार जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक हुई। इसमें सांसद डॉ. अनिल बोंडे, जिलाधीश पवनीत कौर, सिविल सर्जन डॉ. दिलीप सौंदले, अस्पताल अधीक्षक  सहित जिला महिला अस्पताल के अधिकारी और नर्सिंग स्टॉफ मौजूद थे। इसके बाद जिलाधीश पवनीत कौर ने बताया कि अस्पताल की नई बिल्डिंग में एसएनसीयू के 60 बेड के लिए इमारत तैयार है। इलेक्ट्रिकल सहित अन्य सुविधाओं के लिए करीब 6 करोड़ का प्रस्ताव दिया है। 6 माह नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने के लिए समय लगेगा इसलिए जिस जगह घटना हुई उसके अलावा अस्पताल में पानी का रिसाव और वायरिंग की समस्या को 3 से 4 दिन में दूर किया जाएगा। वहीं, जो वेंटिलेटर जल गया है उसकी जगह 18 से 20 लाख रुपए का नया वेंटिलेटर खरीदा जाएगा। साथ ही वॉर्मर की कमी को देखकर उनकी भी खरीदी की जाएगी।
बच्चे की मौत आगजनी की घटना से नहीं 

स्पेशल केयर न्यू बॉर्न यूनिट में आगजनी के बाद 37 नवजात को तुरंत बाहर निकालकर अलग-अलग अस्पताल में भर्ती करवाया। जिस दूसरे क्रमांक की यूनिट में वेंटिलेटर में आग लगी थी, उस कमरे में 19 नवजात मौजूद थे। रविवार की देर शाम सुपर स्पेशालिटी में भर्ती एक नवजात की उपचार के दौरान मौत हो गई। जिससे आगजनी की घटना से जोड़ा जा रहा है परंतु इस मामले में एसएनसीयू के चिकित्सक ने दी गई रिपोर्ट में कहा है कि भातकुली तहसील के गणोजा देवी निवासी महिला की प्रसूति 14 सितंबर को होने के पश्चात से ही उस नवजात की हालत बेहद नाजुक थी। उसका वजन डेढ़ किलाे था और बढ़ नहीं रहा था। पेट में जख्म रहने से रक्तस्त्राव भी हो रहा था। नवजात की नाजुक हालत को लेकर उसके माता-पिता को शुक्रवार को बताया गया था। उस नवजात की मौत से आगजनी की घटना का कोई कारण नहीं है। जबकि प्राथमिक तौर पर सोमवार को उस नवजात का पोस्टमार्टम भी किया गया है। 

बाल-बाल बचे 36 नवजात के स्वास्थ्य की रिपोर्ट मांगी : आगजनी घटना के बाद वहां से निकाले गए 12 नवजात को फिलहाल एसएनसीयू केंद्र के तीसरे कक्ष में रखा गया है। सोमवार को संभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्‌टे व जिलाधीश पवनीत कौर ने स्वयं उस कक्ष में जाकर बाल-बाल बचे नवजात का भी जायजा लिया व सभी 36 नवजात के स्वास्थ्य को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इस दौरान गठित की गई जांच समिति के सदस्यों से भी बातचीत की गई। दमकल विभाग के अनवर शेख ने बताया कि वेंटिलेटर में ही तांत्रिक गड़बड़ से यह आग लही है। इस समय डफरीन की मुख्य अधीक्षक डॉ. विद्या वाठोडकर, तहसीलदार संतोष काकडे, लोकनिर्माण के इलेक्ट्रीकल विभाग के अधिकारी मौजूद थे। 

 
 

Created On :   27 Sept 2022 3:49 PM IST

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