- Home
- /
- अब नागपुर में अस्पतालों के कपड़े...
अब नागपुर में अस्पतालों के कपड़े धुलाई के लिए कॉमन लांड्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी के दौरान लोगों को कई संकटों से गुजरना पड़ा है। अस्पतालों में बेड, दवाएं, ऑक्सीजन आदि की कमी के कारण लोगों का समय पर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पाई। परिणामस्वरूप अनेक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। दूसरी ओर सरकारी और निजी अस्पतालों की अपनी समस्याएं थी। कहीं कर्मचारियों का अभाव तो कहीं अन्य संसाधनों की कमी दिखाई देने लगी थी। इस बीच एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) मंत्रालय ने महामारी के दौरान जिन संकटों का सामना करना पड़ा, भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए प्रयास शुरू किए हैं। इसी प्रयास का एक हिस्सा यह भी है कि अस्पतालों के कपड़े धुलाई करने के लिए जिले में अत्याधुनिक कॉमन लांड्री बनाने का प्रस्ताव है। यह देश का पहला प्रोजेक्ट है।
रोजगार के अवसर मिलेंगे : अस्पतालों के कपड़े धुलाई के लिए देश का पहला प्रोजेक्ट जिले के बुटीबोरी में साकार होने जा रहा है। विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के 120 सदस्याें के अलावा अन्य अस्पतालों को भी इसका लाभ मिलेगा। वर्तमान में अस्पतालों के कपड़े धुलाई के लिए निजी हाथों की मदद ली जाती है। लांड्री शुरू होने पर अस्पतालों के कपड़े धुलाई की समस्या खत्म होगी। इसके साथ ही लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। कोरोना की पहली लहर के बाद केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अंतर्गत एमएसएमई को आर्थिक पैकेज उपलब्ध कराया है। इसलिए एमएसएमई स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्र में विविध योजनाओं पर काम कर रही है। इसके तहत लांड्री का प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया गया है।
अनेक योजनाओं पर होगा काम : एमएसएमई के निदेशक प्रशांत पार्लेवार के अनुसार, दूसरे देशों ने क्लस्टर योजना अंतर्गत लघु उद्योगों को आगे बढ़ने का मौका दिया है। इससे उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। इसी के मद्देनजर भारत सरकार भी लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। भविष्य में अनेक योजनाओं पर काम किया जानेवाला है। एमएसएमई के माध्यम से बूटीबोरी में पहला मॉडल ऑक्सीजन क्लस्टर साकार किया करने की योजना तैयार की गई है। इसे प्राणवायु क्लस्टर विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन का नाम दिया जाने वाला है। विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के 120 सदस्यों में से 20 सदस्यों ने क्लस्टर में सहभागी होने में रुचि दिखाई है। जो सदस्य अस्पताल इसके साथ जुड़ेंगे उन्हें केवल 10 फीसदी राशि लगानी पड़ेगी। शेष 90 फीसदी राशि एमएसएमई देगी। ऑक्सीजन प्लांट के लिए अनुमानित 15 करोड़ रुपए खर्च आनेवाला है। यहां 2000 सिलेंडर िनर्माण की क्षमता होगी।
Created On :   19 July 2021 11:22 AM IST