शाला बाह्य बच्चों की शुरू होगी खोज मुहिम, ग्राम पंचायतों में ही बनेंगे सरकारी दस्तावेज

now government documents will be made in Gram Panchayats of maharashtra
शाला बाह्य बच्चों की शुरू होगी खोज मुहिम, ग्राम पंचायतों में ही बनेंगे सरकारी दस्तावेज
शाला बाह्य बच्चों की शुरू होगी खोज मुहिम, ग्राम पंचायतों में ही बनेंगे सरकारी दस्तावेज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शाला बाह्य बच्चों की खोज मुहिम इसी महीने के अंत में शुरू होगी। शिक्षा विभाग पर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले वर्ष 2015 में महासर्वेक्षण कर शाला बाह्य बच्चों की खोज मुहिम चलाई गई थी।  महाराष्ट्र राज्य शैक्षणिक संशोधन परिषद पुणे में दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में शाला बाह्य बच्चों की खोज मुहिम चलाने का निर्णय लिया गया। राज्य संपूर्ण साक्षर बनाने की दृष्टि से शालाबाह्य बच्चों की खोज मुहिम चलाने का नियोजन कर इसे अमल में लाने के निर्देश दिए गए। वर्ष 2015 में किए गए महासर्वेक्षण में शिक्षण विभाग के साथ विविध विभागों के कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी।

स्वयंसेवी संस्था, एनएसएस के विद्यार्थियों को इसमें शामिल किया गया था। इस बार सिर्फ शिक्षा विभाग पर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिला समता कक्ष स्थापन कर तहसील स्तर पर बालरक्षक के रूप में शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। जिले में 74 शिक्षकों का चयन किया जाएगा। एक तहसील में  बालरक्षक नियुक्त किए जाएंगे। बालरक्षकों द्वारा खोजो गए बच्चों को शिक्षा के प्रवाह में लाने के लिए स्कूल में दाखिल किया जाएगा। जिला समता कक्ष कमेटी स्थापन कर समिति के अध्यक्ष जिप सीईओ रहेंगे। सदस्य सचिव डायट के प्रधानाचार्य और सदस्य शिक्षणाधिकारी रहेंगे। जिले में 151 शालाबाह्य बच्चों की शिक्षा विभाग के पास पहले से ही जानकारी है। प्राथमिक शिक्षणाधिकारी चिंतामण वंजारी ने बताया कि सर्वेक्षण और भी शालाबाह्य बच्चे मिल सकते हैं। उन्हें स्कूल में दाखिला दिया जाएगा।

ग्रामीणों को सरकारी दस्तावेजों के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं
अब ग्राम पंचायतों में ही 49 सरकारी विभागों की सेवा उपलब्ध होगी। ग्रामीण जनता को सरकारी दस्तावेजों के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।  लोकसेवा अधिकार कानून 2015 अंतर्गत आपली सरकार सेवा केंद्र के माध्यम से 400 प्रकार की सेवा उपलब्ध होने से ग्रामीणों की समय और पैसे की बचत होने की जानकारी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय यादव ने दी। जमीन का सात-बारा, जाति प्रमाणपत्र, अधिवास प्रमाणपत्र जैसे विविध प्रमाणपत्रों के लिए ग्रामीणों को तहसील मुख्यालय जाना पड़ता है। इसमें उसका समय और पैसा खर्च होता है। संबंधित अधिकारी, कर्मचारी समय पर नहीं मिलने से उन्हें बार-बार तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं।

अब ग्राम पंचायतों में यह सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। ग्राम पंचायतों का कामकाज ऑनलाइन करने की दृष्टि से आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। आपली सरकार सेवा केंद्र के माध्यम से विविध सेवा ग्राम पंचायतों में शुरू की जाएगी। ग्राम पंचायत का कामकाज ऑनलाइन करने के साथ ही अन्य विभागों के दस्तावेज उपलब्ध कराने की इस केंद्र में सुविधा किए जाने से ग्रामीणों की तहसील मुख्यालयों में जाने की झंझट से छुटकारा होगा। इस प्रणाली को शुरू करने सीईओ के मार्गदर्शन में जिप पंचायत विभाग में उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र भुयार, पंचायत विभाग के जिला समन्वयक किशोर पठारे जुटे हुए हैं।

Created On :   6 Oct 2018 5:43 PM IST

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