अब नागपुर यूनिवर्सिटी नहीं चाहता पीडब्ल्यूडी से काम कराना

Now Nagpur University does not want to work with PWD
अब नागपुर यूनिवर्सिटी नहीं चाहता पीडब्ल्यूडी से काम कराना
अब नागपुर यूनिवर्सिटी नहीं चाहता पीडब्ल्यूडी से काम कराना

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  रामटेक स्थित कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय कुलगुरु डॉ.श्रीनिवास वरखेडी द्वारा सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग के सुस्त कामकाज पर आपत्ति लेने के बाद अब राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से भी ऐसी ही नाराजगी सामने आ रही है। 
दरअसल, नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा 33 करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले इनडोर स्टेडियम का कामकाज पीडब्ल्यूडी को न देकर किसी निजी ठेकेदार को दिया जाएं, इस मांग को लेकर मैनेजमंेट काउंसिल से लेकर तो सीनेट तक आवाज उठ चुकी है। नियमानुसार ऐसे काम के लिए राज्यपाल कार्यालय की अनुमति जरूरी है। नागपुर विवि ने कुछ माह निजी ठेकेदार से कामकाज के लिए राज्यपाल कार्यालय की अनुमति लेने का फैसला लिया था, लेकिन नए अधिकारियों के आने के बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में है। निजी ठेकेदार से काम कराने का प्रस्ताव पास हुए एक साल होने के बाद भी नागपुर विवि प्रशासन ने राज्यपाल कार्यालय को कोई पत्र नहीं भेजा है। नतीजा है कि इनडोर स्टेडियम का कामकाज ठंडे बस्ते में पड़ा है।

यह है मामला :  अकाउंट कोड के अनुसार, 40 लाख से अधिक कोई भी निर्माणकार्य कराना हो तो पीडब्ल्यूडी  से कराना होता है। पीडब्ल्यूडी के नियमों के तहत निर्माणकार्य का पूरा मूल्य और उनका शुल्क एडवांस में जमा कराना होता है। जानकारी के अनुसार, नागपुर विवि में इनडोर स्टेडियम और सिंथेटिक ट्रैक के लिए खेल मंत्रालय ने करीब 7 से 8 करोड़ रुपए की निधि दी थी, लेकिन निर्माणकार्य में देरी के कारण दो बार मंत्रालय ने विवि से रकम वापस मांगी थी।  इधर पीडब्ल्यूडी  से काम धीमा होने के कारण विवि प्रशासन भी टेंशन में आ गया था। ऐसे में विवि के सीनेट और मैनेजमेंट काउंसिल सदस्य विष्णु चांगदे ने पीडब्लूडी की जगह निजी ठेेकेदार से काम कराने का प्रस्ताव रखा था। तब राज्यपाल की अनुमति लेने का फैसला लिया गया था। चांगदे के अनुसार पीडब्लूडी के सुस्त कामकाज और फंड लैप्स हो जाने के डर से विवि ने निजी ठेकेदार से काम कराने का फैसला तो लिया, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण राज्यपाल कार्यालय को कभी पत्र भेजा ही नहीं। इस कारण काम ठंडे बस्ते में पड़ा है। यह काम जल्द शुरू होना चाहिए। 

Created On :   4 Jan 2021 11:24 AM GMT

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