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अब जाकर खाली हुए अस्पतालों में बेड, मिला सुकून, दहशत बरकरार

डिजिटल डेस्क,नागपुर। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान फरवरी के अंतिम सप्ताह से स्थिति गंभीर होने लगी थी। मार्च व अप्रैल में अस्पतालों में भर्ती होने के लिए लोगों को कई घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। उस समय एक्टिव मरीजों की संख्या 77 हजार से अधिक थी। इसमें से 16527 मरीज अस्पतालों में भर्ती थे। अस्पतालों में बेड नहीं होने के बावजूद 16 हजार से अधिक मरीजों को जैसे-तैसे भर्ती करना पड़ा था। इस समय कुल मिलाकर 7477 बेड उपलब्ध हैं, जबकि मात्र 162 मरीज भर्ती है। यानी सरकारी और निजी अस्पतालों में 7315 बेड खाली हैं।
तब बिगड़े थे हालात : तीन महीना पहले 28 मार्च को 8846 मरीज, 28 अप्रैल को 16527 मरीज अस्पतालों में भर्ती थे। 28 मार्च की बात करें तो बेड के हिसाब से अस्पतालों में 1369 मरीज अधिक भर्ती किए गए थे। वहीं 28 अप्रैल को बेड के हिसाब से 9050 मरीज अधिक भर्ती किए गए थे। प्रशासन ने निजी अस्पतालों के 80 फीसदी बेड आरक्षित किए थे। इसके अलावा निजी अस्पतालों को 20 फीसदी बेड उपयोग करने की सहूलियत दी थी। इस कारण मरीजों को सुविधाएं मिली थीं। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में कैजुअल्टी से कोरोना वार्ड तक, जहां स्थान मिला वहां मरीजों को रखा गया था। मई महीने की शुरुआत में दूसरी लहर के नए मरीज और मृतकों का आंकड़ा कम होने लगा। एक महीना पहले 28 मई को 2573 मरीज अस्पतालों में भर्ती थे। इस दिन 4904 बेड खाली थे। इस सोमवार को यानी 28 जून को केवल 162 मरीज अस्पताल में भर्ती थे। इस दिन 7315 बेड खाली थे।
अब 7477 बेड की व्यवस्था
कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए प्रशासन ने फरवरी के अंतिम सप्ताह से ही बेड की संख्या बढ़ानी शुरू कर दी थी। सरकारी व निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड आरक्षित किए गए। 7394 बेड की व्यवस्था की गई। इनमें ऑक्सीजन बेड 4562, आईसीयू 2253 और वेंटिलेटर्स 662 बेड की व्यवस्था की गई। इनमें सरकारी व निजी अस्पतालों के बेड शामिल हैं। कुल मिलाकर 7477 बेड की व्यवस्था प्रशासन ने की थी, लेकिन इससे राहत नहीं मिल पायी। यह बेड मरीजों की संख्या के हिसाब से कम पड़ने लगे थे।
प्रशासन ने इस तरह मजबूत की व्यवस्था
-अप्रैल महीने में जिले में 989 मरीजों के लिए बेड उपलब्ध थे। इसमें आठ गुना बढ़ोतरी हो चुकी है।
-बेड की संख्या 7477 हो चुकी है। अप्रैल 2020 में 805 ऑक्सीजन बेड थे। फिलहाल इनकी संख्या 4562 है।
-आईसीयू बेड 92 फीसदी बढ़ी है। पिछले साल अप्रैल महीने में 184 आईसीयू बेड थे। अब संख्या 2253 है।
-पिछले साल वेंटिलेटर्स की संख्या 87 थी, जो बढ़कर 662 हो गई है। फिलहाल बेड को लेकर चिंता नहीं है।
Created On :   29 Jun 2021 9:41 AM IST